रक्षाबंधन के सुअवसर पर कवि गुरुचरण महतो ने लिखा कविता, बताया राखी का महत्व और इससे होती मजबूत सामाजिक संबंध
जमशेदपुर: शहर के बारीडीह निवासी युवा कवि व गीतकार गुरुचरण महतो ने रक्षाबंधन के मौके पर इसके महत्व तथा जरूरत को लेकर एक कविता लिखा है। कविता के शुरुआती पंक्तियों में उसने इस त्यौहार को भाई-बहन के आपसी जुड़ाव,लगाव तथा विश्वास व उम्मीद से भरी एक अटूट रिश्ता कहा है। उसने आगे लिखा है कि यह राखी प्यार और स्नेह की रक्षा कवच है जो आज भी उतना ही सच है जितना कि प्राचीन काल में था। यह महज़ एक रेशम का धागा नहीं और जिसके हाथ में हो वह कभी अभागा नहीं।
कविता के अंतिम पंक्तियों में कवि गुरुचरण महतो ने लिखा है कि श्रद्धा, भक्ति, प्यार और स्नेह का यह उत्सव आखिर भाई-बहन तक ही क्यों सिमटे रहे? बल्कि इस रक्षा सूत्र के जरिए भाई-भाई और दो मित्रों के साथ-साथ भरोसा और साथ निभाने का वादा करते हुए गुरु द्वारा अपने शिष्य को तथा माता-पिताओं के द्वारा अपने बच्चे की कलाई में भी आज राखी बांधने की जरूरत है ताकि हर टूटती या कमजोर होती सामाजिक संबंध मजबूती के साथ दोबारा बंध जाए।