नई दिल्ली. वैश्विक महामारी कोरोना से भारत समेत दुनिया के कई देश बुरी तरह प्रभावित हैं और इस पर नियंत्रण पाने के लिए वैक्सीन बनाने की जद्दोजहद में जुटे हुए. इसी बीच भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने एक और वायरस को लेकर चेतावनी जारी की है.
आईसीएमआर ने भारत सरकार को चेतावनी दी है कि चीन का कैट क्यू वायरस भारत में दस्तक दे सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह इंसानों में ज्वर संबंधी बीमारी, मेनिनजाइटिस और बच्चों में इन्सेफलाइटिस की समस्या पैदा करेगा.
कैट क्यू वायरस की मौजूदगी का मिला प्रमाण
आईसीएमआर के पुणे स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरॉलजी के सात शोधकर्ताओं के हवाले से कहा गया है कि चीन और वियतनाम में कैट क्यू वायरस की मौजूदगी का पता चला है. वहां क्यूलेक्स मच्छरों और सूअरों में यह वायरस मिला है. विशेषज्ञो ने चेतावनी दी है कि भारत में भी क्यूलेक्स मच्छरों में कैट क्यू वायरस जैसा ही कुछ मिला है. आईसीएमआर ने कहा कि सीक्यूवी मूल रूप से सूअर में ही पाया जाता है और चीन के पालतू सूअरों में इस वायरस के खिलाफ पनपी ऐंटीबॉडीज पाया गया है. इससे साफ है कि कैट क्यू वायरस ने चीन में स्थानीय स्तर पर अपना प्रकोप फैलाना शुरू कर दिया है.
883 सैंपल में दो पॉजिटिव पाए गए
वैज्ञानिकों ने विभिन्न राज्यों में 883 लोगों से सैंपल लिए और दो में वायरस के खिलाफ ऐंटीबॉडीज पाए गए. जांच में पता चला कि दोनों लोग एक ही वक्त वायरस से संक्रमित हुए थे.
इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में जून महीने में प्रकाशित एक रिसर्च में कहा गया है, इंसानों के सीरम सैंपलों की जांच में ऐंटी-सीक्यूवी आईजीजी ऐंटीबॉडी का पाया जाना और मच्छरों में सीक्यूवी का रेप्लकेशन कपैबिलिटी से पता चलता है कि भारत में यह बीमारी फैलाने की क्षमता रखता है. ऐसे में इंसानों और सूअरों के और सीरम सैंपलों की जांच होनी चाहिए ताकि पता चल सके कि कहीं यह वायरस हमारे बीच पहले से ही मौजूद तो नहीं है.