ब्रह्मर्षि विकास मंच, द्वारा कदमा गणेश पूजा मैदान में दो दिवसीय सामूहिक उपनयन संस्कार संपन्न हुआ। मंच के द्वारा लगातार तीसरा वर्ष सफलतापूर्वक उपनयन संपन्न कराया गया। इस वर्ष कुल15 बरूआ का उपनयन कराया गया।
कार्यक्रम स्थल को भव्य रूप से सजाया गया था। गया के हुलासगंज से पधारे आचार्य रंगेशजी महाराज के नेतृत्व मे आए हुए पुरोहितों द्वारा पूरी वैदिक रीति रिवाज के साथ उपनयन संस्कार कराया गया। प्रातः वेदी पूजन के साथ पूजन की शुरुआत हुई। इसके उपरांत घृतधारी की प्रक्रिया में सभी बड़ुआ के परिजनों ने अपनों से बड़ों का पांव पूजन किया। अगली विधि में सभी देवी देवताओं का आववाहन करते हुए देवपूजन की गई। इसके बाद सभी बड़ुआ के बालों में विधि के अनुसार दही की लेप लगाकर मुंडन की गई। तदोपरांत सभी बड़ुआ को कोपीन करिवस्त्र के साथ वस्त्र धारण कराया गया।अगली विधि में उपनयन की प्रक्रिया में बड़ुआ को मुंज की मेखला पुरोहितों द्वारा धारण कराई गई। इसके उपरांत वैदिक विधान से आचार्य द्वारा उपनयन के दौरान अभिषेक किए जाने के बाद सभी को नई वस्त्र में कुर्ता पाजामा धारण कराकर भीख मांगने की परंपरा को पूरा किया गया।
अंत में आर्शीवाद के रुप मे अध्यक्ष रामप्रकाश पांडेय एवं महासचिव योगेन्द्र मौआर द्वारा सभी बड़ुआ को धनराशि प्रदान की गई।
आज अतिथि के रूप में सांसद विद्युत वरन महतो उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि मंच द्वारा लगातार सामाजिक हित में कार्यक्रम किया जा रहा है। इस तरह के कार्यक्रम से सिर्फ समाज ही नहीं राष्ट्र एवं देश का विकास होता है।
इसके उपरांत संध्या बेला में आचार्य द्वारा उपनयन पर प्रवचन सुनाई गई। उन्होंने कहा कि उपनयन हमारे षोड्स संस्कारों में दसवां संस्कार है। हमारी नई पीढी इस संस्कार को भूलते जा रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार उपनयन के लिए सटीक अवस्था 8 वर्ष है। उपनयन के बिना किसी भी बालक को धार्मिक अनुष्ठान करने का अधिकार नहीं होता है। यदि धर्म और विज्ञान का मिलन हो जाए तो पृथ्वी पर ईश्वर का वास हो सकता है।
कार्यक्रम के दौरान सभी इकाई के अध्यक्ष एवं केन्द्रीय समिति के पदाधिकारियों को सम्मानित किया गया।
मंच संचालन चंदन कुमार एवं धन्यवाद ज्ञापन विनोद शुक्ला ने किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में अनुज चौधरी, चंदन, विजयनारायण, राजेश कुमार , कमलकांत, राजेन्द्र कुंवर, श्रीनिवास ठाकुर, सुधीर सिंह, मनोज सिंह, राजीवनिवास, शशिकांत तिवारी की अहम भूमिका रही।