पटना. बिहार में कोरोना विस्फोट के बाद से स्थिति बहुत खराब है. अचानक बड़ी संख्या में कोरोना मरीज सामने और स्वास्थ्य सुविधाएं न मिलने से सीएम नीतीश कुमार सरकार की व्यापक स्तर पर किरकिरी हुई है. विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर दिल्ली से लेकर पटना तक नीतीश कुमार की सरकार हमला बोल दिया है. विपक्ष ने प्रदेश सरकार पर लोगों की जान की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है.
इससे सकते में आए मुख्यमंत्री नीतीश ने इस मुद्दे पर बुलाई गई कैबिनेट बैठक में राज्य के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत की जमकर क्लास लगा दी.
माना जा रहा है कि बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने सीएम नीतीश कुमार से प्रधान स्वास्थ्य सचिव की शिकायत की थी. मंगल पांडे ने बताया था कि प्रधान सचिव उनकी बात नहीं सुनते हैं. स्वास्थ्य विभाग में सिर्फ अपनी मनमानी करते हैं.
काम नहीं संभलता तो छोडि़ए विभाग
बैठक के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को सख्त लहजे में कहा कि कोरोना टेस्ट 20 हजार प्रतिदिन नहीं हुआ तो आपके खिलाफ कार्रवाई करेंगे. नीतीश ने कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से कहा कि अगर आपसे विभाग नहीं संभलता तो छोडि़ए विभाग.
100 कोविड-19 बेड की व्यवस्था करने का आदेश
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार की किरकिरी के बाद कैबिनेट बैठक में इतने खफा थे कि अनुमंडल स्तर पर हॉस्पिटल में 100 कोविड-19 बेड की व्यवस्था करने का निर्देश दिया. राज्य सरकार के सभी सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन की भरपूर व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित करने को कहा. जिलों के मरीज़ों का जिलों में इलाज करने की व्यवस्था करने को कहा, ताकि पटना के हॉस्पिटलों पर अतिरिक्त बोझ न पड़े.
दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के संकेत
सीएम नीतीश कुमार ने प्रदेश के वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों से कहा कि जब दिल्ली में रोज 38 हजार टेस्ट हो सकते हैं तो बिहार में क्यों नहीं? सीएम ने कहा कि पिछले 14 साल में उनके सामने ऐसी परिस्थिति नहीं आई है. जल्द कोरोना की जांच बढ़ाएं नहीं तो लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी.