पटना. बिहार में कोरोना और वज्रपात के बाद अब बाढ़ और बारिश के पानी से मौत का सिलसिला शुरू हो गया है. बिहार में अब तक करीब 30 लोगों की मौत हो गई है.
वहीं राज्य में बाढ़ का पानी अब 11 जिलों में फैल गया है, जिससे राज्य की करीब 15 लाख की आबादी प्रभावित हुई है. इस बीच, राज्य सरकार द्वारा राहत और बचाव कार्य प्रारंभ किए गए हैं, लेकिन यह अब तक नाकाफी साबित हो रही है. अभी भी राज्य की प्रमुख नदियों में उफान जारी है तथा करीब सभी प्रमुख नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
जल संसाधन विभाग के रिपोर्ट में कहा गया है कि कोसी का जलस्तर वीरपुर बैराज के पास आज सोमवार 27 जुलाई की सुबह छह बजे 1.55 लाख क्यूसेक था, जो आठ बजे बढ़कर 1.62 लाख क्यूसेक बना हुआ है. इधर गंडक नदी के जलस्तर में भी एक बार फिर बढ़ोतरी हो रही है. गंडक का जलस्राव बाल्मीकिनगर बराज पर सुबह छह बजे 1.89 लाख क्यूसेक था जो आठ बजे 2.09 लाख क्यूसेक पहुंच गया है. राज्य की करीब सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. गंगा, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, महानंदा, घाघरा कई क्षेत्रों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है. नदियों के बढ़े जलस्तर से बिहार के 11 जिलों के कुल 86 प्रखंडों की 625 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं. इन क्षेत्रों में करीब 15 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है.
राज्य में अबतक जो मौत हुई हैं उसमें से कई बाढ़ के पानी में डूबने हुई है तो कई जगहों पर बारिश के कारण भरे पानी में डूबने से मौत हुई है. मुजफ्फरपुर के डुमरी विक्रम कुमार की मौत बूढ़ी गंडक में स्नान करने के क्रम में हो गई. जबकि जगदीश गांव में कमलेश कुमार सहनी मौत बूढ़ी गंडक में नहाने के दौरान डूबने से हो गई.
पूर्वी चंपारण जिले में भी 8 लोगों की मौत हुई है
चौपार भरत गांव में गुलाम रब्बानी की पोखर में डूबने से मौत हो गई. पूर्वी चंपारण जिले में भी 8 लोगों की मौत हुई है. अधिकतर मौत बाढ़ के पानी के कारण हुआ है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि इन इलाकों में 26 राहत शिविर खोले गए हैं, जहां 14,011 लोग रह रहे हैं. इसके अलावा बाढ़ प्रभावित इलाकों में कुल 463 सामुदायिक रसोई घर चलाए जा रहे हैं, जिसमें प्रतिदिन 1,77,065 लोग भोजन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत एवं बचाव का कार्य कर रही हैं.
इधर, गांवों में बाढ़ का पानी घुसने के बाद लोग ऊंचे स्थानों की खोज में राष्ट्रीय राजमार्ग और तटबंधों पर शरण ले रहे हैं. लोगों की शिकायत है कि कहीं भी सरकारी सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है. गोपालगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर की स्थिति अब काफी खराब हो चुकी है. गोपालगंज और मुजफ्फरपुर में सडकों पर बाढ़ पीडि़त रात-दिन काट रहे हैं.