अहमदाबाद. गुजरात के ग्रामीण क्षेत्रों में डिजीटल सेवा सेतू केंद्र के जरिये अब ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे और घर बैठे ही दस्तावेज अथवा प्रमाण पत्र हासिल किया जा सकेगा. मुख्यमंत्री रुपाणी ने बताया कि 8 अक्टूबर को 2 हजार गांवों में यह सेवा प्रारंभ होगी.
गुजरात के 23 जिलों की 7692 ग्राम पंचायतों को 32961 किलोमीटर अंडरग्राउंड ऑप्टिकल फाइबर केबल नेटवर्क से जोड़ा जा चुका है. 2021 तक राज्य की सभी 14000 ग्राम पंचायतें ई-ग्राम होंगी. दिसंबर 2020 तक 8 हजार गांवों में डिजिटल सेवा सेतु केंद्र प्रारंभ कर दिये जाएंगे.
प्रथम चरण में दो हजार गांवों में हाल राजस्व रिकॉर्ड, राशन कार्ड, जाति, आय, मृत्यु प्रमाण पत्र, विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन, कृषि भूमि दस्तावेज सहित 20 तरह के दस्तावेज व प्रमाण पत्र ऑनलाइन बनवाये जा सकेंगे. सेवा सेतु केंद्र के जरिए 20 रुपये के मामूली शुल्क से आवेदन कर अपने पहचान पत्र आदि डिजी लॉकर या सीधे अपलोड कर सकेंगे. इसके बाद घर बैठे ग्रामीण लोगों को दस्तावेज व प्रमाण पत्र हासिल होंगे.
मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने बताया कि भारत नेट फेज-2 में गुजरात प्रथम स्थान पर रहा है. गुजरात के विविध शहरों में 12800 सेवा सेतु केंद्र कार्यरत हैं. जहां से करीब 2 करोड़ लोग सुविधा ले चुके हैं, अब राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह सुविधा उपलब्ध होगी. शपथ पत्र के प्रमाणीकरण के लिए सरकार ने मजिस्ट्रेट, नोटरी के साथ पटवारी को भी अधिकृत किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में आपसी संपर्क को टालने तथा छोटे-छोटे काम के लिए सरकारी कार्यालयों के धक्के खाने से लोगों को बचाने के लिए सभी गांवों को ई-ग्राम के रूप में विकसित करेंगे.