कुशल संगठनकर्ता और मौलिक विचारक थे पंडित दीनदयाल उपाध्याय: राजेश कुमार शुक्ल
प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य के सुप्रसिद्ध वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश कुमार शुक्ल ने कहा है कि भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष एवं एकात्म मानववाद दर्शन के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय
कुशल संगठनकर्ता और मौलिक विचारक थे। उनके जीवन दर्शन
जीतना तब प्रासंगिक थे उससे अधिक आज प्रासंगिक है।
श्री शुक्ल ने आज जमशेदपुर के गुरुद्वारा बस्ती में गरीब स्कूली बच्चों के बीच सामाजिक दूरी का पालन करते हुए सैकड़ो छात्र ,छात्राओं को उनके घर घर जाकर कापी, किताब, कलम का वितरण किया।
श्री शुक्ल ने कहा की पंडित दीनदयाल उपाध्याय आज करोड़ो करोड़ लोंगो और भाजपा कार्यकर्ताओं के दिलो में है। हमारी राजनीति की आत्मा भारतीय रहे इसलिए सार्वजनिक जीवन के हर कार्यकर्ता को पंडित दीनदयाल उपाध्याय के दर्शन को अवश्य याद रखना चाहिए। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऐसे विराट व्यक्ति थे जिन्होंने देश और समाज को बदलने का कार्य किया। सार्वजनिक जीवन मे रहते हुए उन्होंने अपने लिए कुछ नही किया। उनका जीवन दर्शन युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
इस अवसर पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर श्री शुक्ल ने माल्यर्पण के उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया। इस अवसर पर गरीब लोंगो के बीच खाद्यान्न सामग्री भी वितरित किये गए। इस अवसर पर श्री शुक्ल के साथ शिक्षक, वकील और डॉक्टर वर्ग से प्रतिनिधि उपस्थित थे।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर राजेश शुक्ल ने स्कूली बच्चों के बीच कापी ,क़िताब ,
कलम वितरीत किया
प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश कुमार शुक्ल ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक, एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 104 वी जन्म जयंती के अवसर पर बिस्टुपुर गुरुद्वारा बस्ती में गरीब स्कूली बच्चों के बीच कापी, किताब, और कलम का वितरण किया।
श्री शुक्ल ने इस अवसर पर कहा कि भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष एवं एकात्म मानववाद दर्शन के प्रणेता पंडित दिनदयाल उपाध्याय कुशल संगठनकर्ता और मौलिक विचारक थे। उनके दर्शन और विचार जितना तब प्रासंगिक थे उतना अब भी है। आवश्यकता है उनके बताए मार्ग पर चलने की और उनके विचारों का अनुसरण करने की, तभी ही उन्हें हम सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते है।
इस अवसर पर श्री शुक्ल के साथ जिला भाजपा अधिवक्ता मंच के सह संयोजक श्री सुनिश पांडेय अधिवक्ता, सत्येन्द्र नारायण सिंह अधिवक्ता, श्यामाचरण यादव, और एन एन महतो उपस्थित थे।