जामताड़ा: कुंडहित मोड़ के समीप कुंडहित थाना परिवार की ओर से प्रवासी मजदूरों के किचन के माध्यम से भोजन कराया जा रहा है।मौके पर कुंडहित पुलिस इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी देवेश कुमार भगत ने कहा आपदा के इस भीषण और पीड़ादायक समय मे हमारा एक छोटा सा प्रयास।
कोरोना लॉक डाउन के कारण वैसे भी हमारी प्राथमिकताएं बदल गयी हैं। अभी हमें सामने आकर और अपनी जान पर खेलकर अपने कर्तव्य पूरे करने होते हैं। अदृश्य दुश्मन से लोहा लेने की ट्रैनिंग तो हमे हैं, किंतु इस बार एक नए और अबूझ दुश्मन से पाला पड़ा है। बाबजूद इन दुश्वारियों और व्यस्तताओं के हम अपने कर्तव्य पर अड़े हुए हैं और जिम्मेदारियों को बखूबी अंजाम दे रहे हैं। हमारे बेहद संवेदनशील पुलिस अधीक्षक महोदय की प्रेरणा और आदेश से हम ने इस युद्ध मे एक नया मोरचा खोल दिया है। सेवा का मोर्चा। उन थकेमांदे प्रवासी मजदूरों की सेवा, जो सैकड़ों किलोमीटर की दूरी लांघ कर हमारे जिले से गुजरते हैं। भूख से बिलबिलाते इन प्रवासी भाइयों को भोजन कराते हुए जो अप्रतिम आनंद मिल रहा है, वह अवर्णनीय है। जब ये मजदूर अपनी फटी बिबाईयां और चकनाचूर हुए सपने लेकर हमारे पास आते हैं, तो इस देश के भविष्य के प्रति आश्वस्ती डिगने लगती है।
लाचार, बेघर यायावरों को तृप्ति भर भोजन मिलने पर कभी कभी ऐसे दृश्य उत्पन्न हो जा रहे है जो मन भारी कर देते हैं। कल बिहार के सुपौल के रहने वाले एक भाई , जो आंध्रप्रदेश से लौट रहे थे, ने भोजन कर लेने के बाद फुट फुट कर रोना शुरू कर दिया। हमारी विवशता कि न हम उन्हें सीने से लगाकर ढांढस बंधा सकते हैं, न पीठ पर सांत्वना की थपकी दे सकते हैं। अजीब बिडम्बना है। न हम जानते हैं कि वे संक्रमित हैं, न वे जानते हैं कि हम संक्रमित हैं, मगर हम दोनों मानते हैं कि हम संक्रमित हैं।
फिर भी,
पुलिस सेवा का यह नया फ्रंट भूखों को भरपेट भोजन दे रहा है, और हमे भरपेट संतोष।
और क्या चाहिए?
भरपेट भोजन के बाद उन्हें अपने गंतव्य तक किसी वाहन से भेजा जा रहा है।