जयप्रकाश राय
काम कोई बड़ा या छोटा नहीं होता। जरुरी है काम करने वालों का हम सम्मान करें। लेकिन व्यवहार में ऐसा देखने को कम ही मिलता है। बल्कि शायद ही मिलता है। ऐसे में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुंभ मेंला में सफाई का काम करने वाले पांच लोगों का पैर धोकर उनका सम्मान करना एक बड़ा संदेश दे गया। । ऐसा करने के पीछे की उनकी मंशा को समझा जा सकता है। प्रधानमंत्री शुरु से ही सफाई कर्मियों के योगदानों का सम्मान भाषणों में करते रहे हैं। उनका कहना होता है कि जो लोग हमारी गंदगी साफ करते हैं, वे हमारे लिये कितना बड़ा काम कर रहे हैं, यह समझना चाहिये। उनसे बड़ा कोई दूसरा योगदान नहीं हो सकता। उन्होंने ही उनको कूड़ा वाला कहने के बजाय सफाई वाला कहने के लिये लोगों को प्रेरित किया। काम को सम्मान देने के साथ ही जात पात और छुआछूत को लेकर भी यह एक बड़ा संदेश पीएम मोदी की ओर से दिया गया है। यह सही है कि समाज जितनी भी तरक्की कर ले लेकिन जात पात की जकड़ से हम बाहर नहीं निकल पाये हैं। समाज में अब छूआछूत को लेकर भाव कम जरुर हुआ है लेकिन हम सफाई वालों या ऐसे काम करने वालों को वह सम्मान नहीं देते जिसके वे हकदार होते हैँ। ऐसे में यदि खुद देश का प्रधानमंत्री यदि सफाईवालों के पैर धोकर उनको सम्मानित करता है तो इससे बड़ा दूसरा कोई संदेश नहीं हो सकता।
यह सही है कि राजनीतिक चश्मे से हरकाम को नापा तौला जाता है। राजनीति में हर किसी काम को राजनीति के ही चश्मे से देखने का प्रयास किया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान को भी विपक्ष इसी रुप में देखता है। लेकिन यदि किसी की राजनीति करने से देश का और समाज का भला होता है तो ऐसी राजनीति का स्वागत किया जाना चाहिये। यहां तो शहीदों की बेदी पर राजनीति करने वाले बाज नहीं आते तो फिर और किसी को कैसे छोड़ सकते हैँ। यह सही ै कि इस बार के कुंभ मेला को काफी महत्व दिया गया. हर काम की बारीकी पर पूरा ध्यान था। साफ सफाई की सर्वत्र प्रशंसा हो रही है। करीब 20 करोड़ श्रद्धालु इस दौरान प्रयाग नगरी में पधारे लेकिन साफ सफाई में लगे लोगों ने शिकायत का कोई मौका नहीं दिया। प्रधानमंत्री की ओर से कुंभ मेला में सफाई में लगे लोगों को संबोधित करना भी एक अच्छी पहल है। काम कोई छोटा नहीं होता।ा ये बातें किताबों में ही सिमट कर रह गयी है।ं व्यवहार में ऐ्रसा नहीं होता। हम काम को छोटा मानने लगते है ंऔर इसी मानसिकता के कारण सारी परेशानियां होने लगती हैं। दूसरों को उसी नजर से देखने लगते हैं। दूसरों का सम्मान भी इसी के अनुसार होता है। पैसा रुतबा को महत्व देने में हम लगे रहते हैँ। पैसा किस तरह से कमाया गया है, इसपर किसी का ध्यान नहीं जाता। काली कमाई और घूसखोर लोगों का समाज में बड़ा सम्मान होता है। जो देश को खोखला करने में लगे रहते हैं,उनके इसी देश में सम्मान की नजर से देखा जाता है लेकिन जो देश की सेवा में लगे हैं,उनकोवह सम्मान नहीं मिलता। प्रधानमंत्री ने सफाई वालों का जो सम्मान दिया है वह बहुत बड़ी बात है। उन सफाई वालों का कहना है कि उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि जिससे मिलना उनके लिये सपना होगा, वह उनको इस तरह सम्मान दे।