निजाम खान
■ उपायुक्त श्रीमति नैंसी सहाय के द्वारा देवघर जिला के सभी निजी विद्यालयों के प्राचार्य एवं संचालकों को निदेशित किया गया है कि वे इस कठिन परिस्थिति में अपने विद्यालय में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं से संपूर्ण तालाबंदी या विद्यालय बंद की अवधि का मासिक फीस न लें एवं इसे पूर्णता माफ किया जाए क्योंकि देवघर जिला के अधिकतर छात्र-छात्राएं गरीब परिवार से आते हैं एवं उनके अभिभावक छोटी-मोटी नौकरी कर अपने बच्चों को पढ़ाते हैं। परन्तु वर्तमान में लॉक डाउन के वजह से सभी लोगों का रोजी-रोजगार प्रभावित हुआ है एवं बहुत से लोगों के पास अभी स्कूल फीस देने अथवा अन्य कार्यों के लिए भी पर्याप्त पैसे नहीं हैं। ऐसे में इस प्रकार के लोगों को देखते हुए मानवीयता के आधार पर हमारा फर्ज है कि इस विकट परिस्थिति में हम उनकी हर संभव मदद करें।
उन्होंने आगे निदेशित किया कि सभी निजी विद्यालयों द्वारा विद्यालय बंद रहने की पूरी अवधि का बस फीस भी छात्र/छात्राओं से नहीं लिया जाए एवं छात्रों के हित में स्टडी मैटेरियल वीडियो पीपीटी के रूप में अभिभावकों छात्रों का व्हाट्सएप ईमेल स्कूल वेबसाइट के माध्यम से उपलब्ध कराया जाए, ताकि लॉक डाउन के वजह से बच्चों का पढाई बाधित न हो।
विदित है कि कोरोनावायरस के प्रसार होने के कारण केंद्र सरकार के द्वारा 14 अप्रैल 2020 तक संपूर्ण तालाबंदी किया गया है, जिसके आलोक में सचिव झारखंड अधिविध परिषद, रांची एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की सुसंगत धाराओं के निर्देशानुसार कोरोनावायरस के प्रसार के कारण सभी को किसी न किसी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। परन्तु इससे गरीब एवं मजदूर वर्ग के लोग अत्याधिक प्रभावित हो रहे हैं एवं जीविकोपार्जन के साधन नहीं होने के कारण उन्हें कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में इन लोगों की मदद हेतु समाज के सभी वर्ग के लोगों का सहयोग आपेक्षित है।