युवा कवयित्री अभिलाषा की काव्य संग्रह “मन का पंछी ” का विमोचन
डॉ श्री कृष्ण सिन्हा संस्थान में अखिल भारतीय साहित्य परिषद एवं कृष्ण कला एंड एजुकेशन सोसाइटी के संयुक्त तत्वाधान में नवोदित कवयित्री अभिलाषा कुमारी के पहले काव्य संग्रह
“मन का पंछी” का लोकार्पण किया गया। आज के इस कार्यक्रम की अध्यक्षता शहर की प्रतिष्ठित समाजसेवी और साहित्यप्रेमी सह अखिल भारतीय साहित्य परिषद,जमशेदपुर ईकाई की संरक्षिका मंजू ठाकुर जी ने की।
कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया गया।
इस कार्यक्रम में उत्क्रमित उच्च विद्यालय लक्ष्मी नगर की छात्राओं के द्वारा गणेश वंदना प्रस्तुत की गई।अखिल भारतीय साहित्य परिषद के अध्यक्ष शैलेंद्र पांडे शैल जी ने स्वागत भाषण दिया । उन्होंने कहा कि
कवयित्री अभिलाषा में अपार संभावनाएं हैं, उनके हर शब्द में जज्बातों का समंदर है।
“कोशिश” संस्था से जुड़े राजेश कुमार जी ने
युवा पीढ़ी और कविता पर बात करते हुये साहित्य की उपयोगिता पर प्रकाश डाला।
डॉ कल्याणी कबीर ने पुस्तक पर चर्चा करते हुए कहा कि अभिलाषा उस युवा पीढ़ी का चेहरा हैं, जो साहित्य की साधना को अपना पुनीत कर्म समझती है।
साइंटिफिक एकेडमी के शिक्षक सतीश जी ने भी अभिलाषा के रचनाधर्मिता की सराहना की।
अखिल अखिल भारतीय साहित्य परिषद की ओर से नवोदित कवयित्री अभिलाषा को शॉल, प्रतीक चिन्ह एवं तुलसी का पौधा देकर सम्मानित किया गया ।
मंच संचालन डॉ अनीता शर्मा जी ने किया।
अपनी बात कहते हुए कवयित्री अभिलाषा ने कहा कि कविताओं के सानिध्य ने उनके वैचारिक भूमि को समृद्ध किया है। अभिलाषा ने अपने इस उपलब्धि का श्रेय अपनी शिक्षिका डॉ अनीता शर्मा को दिया।
आशीर्वचन देते हुए कवयित्री अभिलाषा की माँ डेजी जी ने कहा कि उनके लिए खुशी की बात है कि उनको उनकी पुत्री अभिलाषा के कारण एक परिचय मिला है।
अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में आदरणीया मंजू ठाकुर जी ने कहा कि कवयित्री अभिलाषा की कविताओं में महिलाओं की वेदना मुखर होकर ध्वनित होता है।
कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन साहित्यकार राजेन्द्र सिंह ने दिया।
आज के पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में कवयित्री उपासना सिन्हा, नीता चौधरी, पद्मा प्रसाद, मामचंद अग्रवाल और शुभचिंतक शिशिर कुमार, जयंत श्रीवास्तव, तरूण कुमार भी उपस्थित थे।