बंगाल में चुनावी हिंसा के बीच चौथे चरण का मतदान संपन्न
चुनावी हिंसा के बाद चुनाव आयोग ने कड़े फैसले लिए हैं
हिंसा को देखते हुए इलेक्शन कमीशन ने कहा है कि किसी भी राजनीतिक दल को चुनाव में हिंसा की इजाजत नहीं है चुनाव आयोग नेे कहा 48 के बदले 72 घंटे पहले चुनाव प्रचार होंगे खत्म पुलिस फायरिंग मेंं चार मरे
बंगाल में मौत पर महाभारत, ममता ने पूछा- CRPF ने किसके इशारे पर यह किया
भीड़ का हमला, हथियार छीनने की कोशिश… चुनाव आयोग और CISF ने बताया कूच बिहार में कैसे मारे गए लोग
पश्चिम बंगाल में चौथे दौर के मतदान के बीच कूचबिहार के सितलकुची में बोलिंग बूथ पर 4 लोगों की मौत के बाद सियासत तेज हो गई है। इस बीच चुनाव आयोग और सीआईएसएफ ने बताया है कि आखिर क्यों जवानों को गोली चलानी पड़ी। इस बीच बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी और गृहमंत्री अमित शाह पर आरोप लगाते हुए सीआईडी जांच की बात कही है।
सीआईएसएफ के प्रवक्ता ने कहा, ”जोरपाटकी के सितलकुची में बूथ नंबर 126 के बाहर भीड़ ने ड्यूटी दे रहे सीआईएसएफ जवानों पर हमला कर दिया और हथियार छीनने की कोशिश की। आत्मरक्षा और चुनाव अधिकारियों को बचाने के लिए पोलिंग स्टेशन पर तैनात जवानों ने 6-8 राउंड फायरिंग की।”
इस बीच, चुनाव आयोग ने भी बयान जारी करके बताया है कि इस तरह की नौबत इसलिए आई क्योंकि एक गलतफहमी की वजह से भीड़ ने सुरक्षाबलों पर हमला कर दिया था। चुनाव आयोग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बूथ नंबर 126 पर वोटिंग शांतिपूर्वक चल रही थी। पोलिंग बूथ के पास मानिक मोहम्मद नाम का एक लड़का बीमार था और दो-तीन स्थानीय लोग उसकी देखभाल कर रहे थे।
जिला पुलिस की ओर मिली रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि यह देखकर सीआईएसएफ के कुछ कर्मचारियों ने लड़के के स्वास्थ्य के बारे में पूछा। उन्होंने लोगों से यह भी पूछा कि क्या वे लड़के को अस्पताल भेजना पसंद करेंगे। बयान में आगे कहा गया है, ”इस बीच दूसरे स्थानीय लोगों ने यह समझ लिया कि लड़के को सीआईएसएफ के जवानों ने पीटा है। इस गलतफहमी में वहां मौजूद कुछ लोगों ने शोर मचाना शुरू किया। 300-350 लोग वहां एकत्रित हो गए। इनमें कुछ महिलाएं भी थीं, जो हाथ में ऐसे सामान लेकर आयी सामान लेकर आईं थीं, जिससे गंभीर चोटें पहुंचाईं जा सकती थीं।”