*कल 38 सीटों के लिए होगा मतदान, कई सीटों पर आमने-सामने का मुकाबला*
– *मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी सहित कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर*
– *कई सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले के आसार*
देवानंद सिंह
*रांची, 18 नवंबर :* झारखंड में दूसरे चरण में 38 विधानसभा सीटों के लिए मतदान की घड़ी आ गई है। बुधवार को मतदान होगा। ये सीटें ही झारखंड में सत्ता की तस्वीर साफ करेंगी। कई सीटों पर आमने-सामने, जबकि कई सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला होगा। पहले चरण की तरह ही इस चरण में भी कई दिग्गजों को प्रतिष्ठा दांव पर है, जिनमें झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) के मुखिया जयराम महतो से लेकर
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बाबूलाल मरांडी, लोबिन हेम्ब्रम, हेमलाल मुर्मू, स्टीफन मरांडी, रबिन्द्रनाथ महतो और सीता सोरेन जैसे दिग्गज भी शामिल हैं। इसके अलावा बसंत सोरेन, लुईस मरांडी, बादल, हफीजुल हसन, रणधीर सिंह, प्रदीप यादव, दीपिका पांडेय सिंह, कल्पना सोरेन, अमर बाउरी, पूर्णिमा नीरज सिंह और सुदेश महतो जैसे नामों के भाग्य का फैसला भी इसी चरण में होगा।
इस चरण में बरहेट विधानसभा सीट खास है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लगातार तीसरी बार जीत हासिल करने के लिए चुनाव मैदान में हैं। बीजेपी ने इस बार गमालियेल हेम्ब्रम को चुनाव मैदान में उतारा है। पिछले चुनाव में भी गमालियेल आजसू पार्टी टिकट पर चुनाव मैदान में थे, लेकिन उन्हें करीब 2500 वोट ही प्राप्त हुए थे। बरहेट क्षेत्र पिछले चार दशक से अधिक समय से जेएमएम का गढ़ रहा है, लेकिन इस बार मुकाबला बराबरी का दिख रहा हैं।
वहीं, धनवार विधानसभा सीट पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की प्रतिष्ठा दांव पर है। वर्ष 2019 के चुनाव में बाबूलाल मरांडी ने झाविमो टिकट पर जीत हासिल की, लेकिन इस बार वो फिर से बीजेपी उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में हैं। जेएमएम ने यहां से पूर्व विधायक निजामुद्दीन अंसारी को चुनाव मैदान में उतारा है, जबकि माले के पूर्व विधायक राजकुमार यादव भी चुनाव मैदान में हैं, वही निर्दलीय निरंजन राय भी मुकाबले को बहुकोणीय बनाने के प्रयास में जुटे थे परंतु आखिरी समय में भाजपा ने उन्हें अपने पाले में लाकर सीधा मुकाबला बना दिया है हालांकि इनके समर्थक का नाराजगी गुल खिला सकता है
इसके अलावा गांडेय विधानसभा सीट भी बेहद खास है। इस सीट को जेएमएम का गढ़ माना जाता है। यहां से जेएमएम की स्टार प्रचारक कल्पना सोरेन ने चुनाव मैदान में हैं। वहीं, बीजेपी ने यहां इस बार मुनिया देवी को चुनाव मैदान में उतारा हैं। मुनिया देवी गिरिडीह जिला परिषद की अध्यक्ष रह चुकी हैं और इलाके में उनकी मजबूत पकड़ रही है। पिछले वर्ष मुनिया देवी बीजेपी में शामिल हुईं थीं।
गिरिडीह विधानसभा सीट की बात करें तो यहां एक बार फिर से जेएमएम के सुदिव्य कुमार सोनू और बीजेपी के निर्भय शाहबादी के बीच कड़ा मुकाबला है। इस बार के चुनाव में कई अन्य प्रत्याशी भी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में जुटे हैं।
वहीं, डुमरी में जेएमएम प्रत्याशी और मंत्री बेबी देवी इस बार कड़े मुकाबले में फंसी दिख रहीं हैं। एक ओर उन्हें आजसू पार्टी की यशोदा देवी टक्कर दे रही हैं, तो दूसरी तरफ जेएलकेएम अध्यक्ष जयरा महतो भी जीत के लिए प्रयासरत हैं। बोकारो में कांग्रेस की श्वेता सिंह और बीजेपी के बिरंची नारायण के बीच लड़ाई है, पिछले चुनाव में कांग्रेस की श्वेता सिंह ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी और करीब एक लाख वोट प्राप्त किए। श्वेता सिंह के ससुर समरेश सिंह इस सीट से कई बार विधायक रह चुके हैं।
गोमिया विधानसभा सीट पर आजसू पार्टी विधायक लंबोदर महतो को जेएमएम के योगेंद्र महतो और जेएलकेएम की पूजा कुमारी से कड़ी टक्कर मिल रही है। वहीं, बेरमो विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी कुमार जयमंगल सिंह का बीजेपी के रवींद्र पांडेय और जेएलकेएम अध्यक्ष जयराम महतो से मुकाबला है। इन तीनों उम्मीदवारों के कारण मुकाबला दिलचस्प हो गया है। इस सूची में और भी सीटें हैं। बताया जा रहा है कि
38 सीटों में से 28 ऐसी सीटें हैं, जहां सीधा मुकाबला होगा। इन सीटों पर एनडीए और इंडिया में सीधा मुकाबला है, वहीं, 10 सीटों पर त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति है। एक-दो सीटों पर अंतिम समय में मुकाबला चतुर्कोणीय भी बन सकता है। मुकाबले की अन्य सीटों की बात करें तो इनमें राजमहल, बोरियो, लिट्टीपाड़ा, पाकुड़, महेशपुर, नाला, जामताड़ा, जरमुंडी, सारठ, मधुपुर के साथ ही देवघर जैसी सीटें भी शामिल हैं।