हॉन्गकॉन्ग. कोरोना वायरस महामारी से हॉन्गकॉन्ग में हालात बिगड़ते हुए नजर आ रहे हैं. नौबत यहां तक आ गई है कि अस्पतालों और सार्वजनिक शवगृहों में कोविड-19 से जान गंवाने वालों के शव रखने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. खास बात है कि हॉन्गकॉन्ग में अधिकांश रहवासियों ने कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन नहीं ली है. लगातार बढ़ते संक्रमण के मामलों के देखते हुए अधिकारियों ने लॉकडाउन की संभावनाओं से भी इनकार नहीं किया है.
शहर के पब्लिक डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रमुख टोनी लिंग ने बताया कि अस्पताल के एक्सीडेंट और इमरजेंसी रूम में दर्जनों शव शवगृहों में ले जाए जाने का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘इन शरीरों को अब एकत्र करने के लिए ज्यादा समय की जरूरत है, क्योंकि संसाधन काफी बहुत सीमित हैं.’ उन्होंने मौजूदा हालात के लिए कार्यबल और स्टोरेज की क्षमता का हवाला दिया.
हाल ही में टीकाकरण की बढ़ती संख्या के बाद भी हॉन्गकॉन्ग में वैक्सीन नहीं लेने वालों की संख्या ज्यादा है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, कई लोगों ने दुष्प्रभावों के डर और लापरवाही के चलते नहीं टीकाकरण नहीं कराया है. 2020 के सरकारी आंकड़ों के अनुसार, हॉन्गकॉन्ग में हर महीने औसतन करीब 4 हजार लोगों की मौत हुई है. शहर में कोविड संक्रमण के 1 लाख 71 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं.
लॉकडाउन पर विचार
हॉन्गकॉन्ग में सोमवार को कोरोना वायरस से संक्रमित 34,466 नए मरीज मिले जबकि मृतकों की संख्या भी बढ़ी है. इसके बाद स्वास्थ्य अधिकारियों ने लॉकडाउन लगाने की संभावना से इनकार नहीं किया है. इससे पहले हॉन्गकॉन्ग के नेताओं ने लॉकडाउन को अवास्तविक बताया था. हॉन्गकॉन्ग में मुख्य तौर पर वायरस के ‘ओमिक्रॉन’ स्वरूप के कारण मामले बढ़ रहे हैं.