उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटा, इलाके में भारी तबाही
उत्तराखंड आपदा में जिनके अपने हुए हैं लापता वे यहां करें संपर्क, हेल्पलाइन नंबर 9557444486 जारी
इलाके में राहत और बचाव कार्य जारी, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी पहुंचे
पीएम मोदी ने सीएम रावत से की बात, अमित शाह बोले- स्थिति पर रख रहे हैं नजर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उत्तराखंड में हिमखंड के टूटने से से आई बाढ़ से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की और राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात कर हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात की और कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की कुछ टीम दिल्ली से हवाई मार्ग से उत्तराखंड भेजी जा रही हैं।
घटना से पूर्व सीएम उमा भारती हैं दुखी
उमा भारती ने कहा, मैंने उस वक्त इन नदियों पर पावर प्रोजेक्ट के लिए किया था मना
उत्तराखंड के चमोली जिले में हिमखंड टूटने के कारण अचानक आई बाढ़ के बाद तपोवन ऊर्जा परियोजना में काम करने वाले कम से कम 150 लोगों के मारे जाने या लापता होने की आशंका है।
भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के प्रवक्ता ने यह बात कही।
उन्होंने बताया कि रैणी गांव में कम से कम तीन पुलों के ढहने के कारण बल की कुछ सीमा चौकियों से संपर्क पूरी तरह टूट गया है। जो पुल ढहे हैं, उनमें से एक सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) का है।
आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक कुमार पांडे ने दिल्ली में कहा, ‘‘तपोवन के परियोजना स्थल प्रभारी तथा स्थानीय प्रशासन के मुताबिक बैराज पर काम कर रहे 100 से ज्यादा लोगों और एक सुरंग में काम कर रहे 50 से अधिक लोगों के मारे जाने या लापता होने की आशंका है। अब तक तीन लोगों के शव मिल गए हैं।’’
उन्होंने बताया कि अभी बचाव काम में आईटीबीपी के 250 से अधिक जवान लगे हैं।
पांडे ने कहा कि सुरंग में करीब 16-17 श्रमिक सुरक्षित हैं और उन्हें बचाने के लिए बचाव दल मलबा हटा रहे हैं।
विशाल हिमालय पर्वत की गोद में है केदारनाथ धाम। यह चारधाम यात्रा के चार स्तंभों में से एक है और हिंदुओं के प्रमुख तीर्थस्थलों में इसकी गितनी होती है। जून 2013 में देवभूमि कहे जाने वाले राज्य उत्तराखंड, जहां केदारनाथ मौजूद है, वहां देश की सबसे विनाशकारी त्रासदियों में से एक ने हमला किया था। लगातार होने वाली बारिश और ग्लेशियर्स के पिघलने से इस पहाड़ी राज्य की नदियां उफनने लगीं थीं। मानसून भी समय से पहले आ गया था।
इसका नतीजा जो हुआ, उसे न तो उत्तराखंड और न ही देश आज तक भुला पाया है। केदारनाथ त्रासदी ने चालीस हजार वर्ग किलोमीटर से ज्यादा इलाके में तबाही मचाई थी। हजारों लोग मारे गए। इतने ही लापता भी हुए। सबसे दुखद यह कि इनमें से कोई भी कभी नहीं मिला।
आज सात साल सात महीने और 25 दिन बाद फिर शायद वैसी ही एक त्रासदी की खबर आई है। इस बार भी देवभूमि उत्तराखंड को ही कुदरत ने अपना निशाना बनाया है। राज्य के चमोली जिले के जोशीमठ में ग्लेशियर टूटने की वजह से धौलीगंगा नदी में बाढ़ आ गई है। इसकी वजह से आसपास के गांव में बाढ़ के पानी फैलने की आशंका है। आसपास के गांवों से लोगों को निकाला जा रहा है। नदी के कई तटबंध टूटने के बाद बाढ़ का अलर्ट भी जारी किया गया है। माना जा रहा है कि इससे ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को नुकसान पहुंचा है।
तटीय क्षेत्रों में लोगों को अलर्ट किया गया है और नदी किनारे बसे लोगों को क्षेत्र से हटाया जा रहा है। चमोली पुलिस ने बताया कि तपोवन क्षेत्र में एक ग्लेशियर के टूटने से ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट क्षतिग्रस्त हो गया है। अलकनंदा नदी के किनारे रहने वाले लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है।
क्या हुआ जून 2013 में
13 से 17 जून के बीच उत्तराखंड में असामान्य रूप से बारिश हो रही थी। इसकी वजह से चोराबारी ग्लेशियर पिघलकर मंदाकिनी में गिरने लगा। नतीजतन नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा और बहाव भी तेज हो गया। इससे बनी बाढ़ का असर उत्तराखंड के साथ ही हिमाचल प्रदेश और पश्चिमी नेपाल में भी हुआ। इस भयंकर बाढ़ की वजह से भूस्खलन भी हुआ, जिससे जानमाल को बेहिसाब नुकसान पहुंचा।
उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटा है। इस हादसे में भारी तबाही हुई है। एमपी की पूर्व सीएम उमा भारती ने इसे लेकर दुख व्यक्त किया है। साथ ही उन्होंने कहा है कि हिमालय का यह इलाका काफी संवेदनशील है।
उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटा, इलाके में भारी तबाही
इलाके में राहत और बचाव कार्य जारी, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी पहुंचे
घटना से पूर्व सीएम उमा भारती हैं दुखी
उमा भारती ने कहा, मैंने उस वक्त इन नदियों पर पावर प्रोजेक्ट के लिए किया था मना
उत्तराखंड के चमोली ग्लेशियर टूटने से बड़ी तबाही आई है। मौके पर राहत और बचाव के कार्य शुरु हो गए हैं। वहीं, इस घटना में 150 लोगों के मारे जाने की आशंका है। रेस्क्यू के लिए सेना की टीम भी भेजी गई है। घटना को लेकर एमपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेत्री उमा भारती ने दुख व्यक्त किया है।
उमा भारती ने ट्वीट कर कहा है कि जोशीमठ से 24 किलोमीटर पैंग गांव जिला चमोली उत्तराखंड के ऊपर का ग्लेशियर फिसलने से ऋषि गंगा पर बना हुआ पावर प्रोजेक्ट जोर से टूटा और एक तबाही लेकर आगे बढ़ रहा है। मैं गंगा मैया से प्रार्थना करती हूं कि मां सबकी रक्षा करें और लोगों की रक्षा करें