सीतापुर. चुनावी दौर में हर पार्टी का नेता उम्मीद लगाए बैठा है कि उन्हें टिकट मिलेगा. लम्बे अर्से तक क्षेत्र का नेता बनने का सपना देख रहे नेता का यदि टिकट कट जाए तो जाहिर है यह काफी दिल दुखाने वाला होगा. चुनावी दौर में कई नेता ऐसे हैं जिनके टिकट कट रहे हैं. इनमें कुछ तो संभल गए हैं लेकिन कुछ ऐसे हैं जो काफी आहत हुए हैं. ऐसे ही एक सपा नेता है मनीष रावत. जब इनका टिकट कटा तो ये इतने आहत हुए कि अपने आंसू नहीं रोक पाए.
दरअसल, सीतापुर में सिधौली विधानसभा से पूर्व विधायक मनीष रावत को टिकट मिलने की पूरी उम्मीद थी लेकिन सपा ने उनक टिकट काट दिया. इससे वे इतने दुखी हुए कि जनता के बीच जाकर रोए. जब ऐसा कुछ होता है तो आरोप प्रत्यारोप का दौर भी चलता है. यहां भी ऐसा ही हुआ. रावत ने रोते रोते कहा कि पैसा जीत गया और सिधौली की जनता की मेहनत हार गई.
उधर, विधायक मनीष रावत जनता के बीच भी लोकप्रिय हैं. जब उनको टिकट नहीं मिला तो उनके समर्थक भी खासे परेशान दिखे. पूर्व विधायक मनीष का टिकट कटने के बाद जनता भी आक्रोशित दिखाई दी. अपने नेता दर्द जनता से देखा नहीं गया और जनता ने पूर्व विधायक से किसी भी दल से चुनाव लड़ने की अपील की. गौरतलब है कि मनीष रावत पूर्व सांसद सुशीला सरोज के दामाद हैं. सपा ने सुशीला सरोज को मोहनलालगंज से प्रत्याशी बनाया है. वहीं, सपा ने हाथी का साथ छोड़कर साइकिल पर सवारी करने वाले डॉक्टर हरगोविंद भार्गव को सिधौली विधानसभा से सपा का प्रत्याशी बनाया है.
यही कारण है कि जब मनीष को सूचना मिली की हरगोविंद भार्गव को सपा ने प्रत्याशी बनाया है तो उनका दर्द छलक उठा. जनता भी उनके कंधे से कंधा मिलाती दिखाई दी. सिधौली की जनता भी चाह रही थी कि मनीष को ही यहां से टिकट दिया जाए.