*ओल चिकी के जनक पं. रघुनाथ मुर्मू की जन्म शताब्दी पर श्रद्धांजलि सभा व रक्तदान शिविर*
*पोटका विधायक संजीव सरदार रहे मुख्य अतिथि, कहा— संथाल समाज की पहचान है ओल चिकी, इसका विस्तार जरूरी*
राष्ट्र संवाद संवाददाता
भगाबंदी स्थित माझी परगना महाल डुमरिया तोरोफ एवं नई जिंदगी जमशेदपुर के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को पं. रघुनाथ मुर्मू की जन्म शताब्दी समारोह का आयोजन आयुष्मान आरोग्य मंदिर परिसर में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पोटका के विधायक संजीव सरदार थे। उन्होंने पंडित रघुनाथ मुर्मू की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
*ओल चिकी लिपि से संथाल समाज को नई पहचान मिली – विधायक संजीव सरदार*
विधायक श्री सरदार ने कहा कि पं. रघुनाथ मुर्मू ने ओल चिकी लिपि का सृजन कर संथाल समाज को नई दिशा और पहचान दी। यह लिपि केवल भाषा नहीं, बल्कि संस्कृति और अस्तित्व की पहचान है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस लिपि का व्यापक प्रचार-प्रसार होना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियाँ अपनी भाषा से जुड़ी रहें।
विधायक ने ग्रामीणों को जानकारी दी कि राज्य सरकार जल्द ही क्षेत्रीय भाषाओं के शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करेगी। उन्होंने बताया कि हेमंत सोरेन सरकार ने घाटशिला के हेंदलजुड़ी में पं. रघुनाथ मुर्मू जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना कर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, जो इस क्षेत्र के लिए गौरव की बात है।
*रक्तदान शिविर में 35 यूनिट रक्त संग्रह*
इस मौके पर रक्तदान शिविर का आयोजन भी किया गया, जिसमें 35 यूनिट रक्त संग्रह किया गया। 77 बार रक्तदान कर चुके “ट्राइबल ब्लड मैन” राजेश मार्डी ने भी शिविर में शिरकत कर रक्तदाताओं का उत्साहवर्धन किया। विधायक संजीव सरदार ने शिविर में जाकर इतनी गर्मी में रक्तदान करने पहुंचे रक्तदाताओं से मिलकर उनकी सराहना की।
*तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम में विधायक ने बांटे पुरस्कार*
विधायक संजीव सरदार सापारोम बुरु ड्रामा समिति कोलाबाड़िया के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी शामिल हुए। उन्होंने समाज सिंगराई प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागियों के बीच पुरस्कार वितरण किया। इस कार्यक्रम में प्रखंड विकास पदाधिकारी निलेश कुमार मुर्मू, थाना प्रभारी सुगना मुंडा, झामुमो प्रखंड अध्यक्ष मिर्जा सोरेन, सचिव जयपाल सिंह मुर्मू, बीस सूत्री अध्यक्ष भगत बास्के, घाट परगना लखन मार्डी, उदय मुर्मू समेत सापारोम बुरु ड्रामा समिति के सदस्य एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।