विकास की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है बजट
देवानंद सिंह
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को 2025-26 का बजट पेश किया, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्णकालिक बजट है। यह बजट विभिन्न क्षेत्रों में सुधार, नवाचार और विकास की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। वित्त मंत्री ने इस बजट को ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया, जिसमें कृषि, एमएसएमई (लघु एवं सूक्ष्म उद्योग), निर्यात और निवेश को विकास के चार प्रमुख इंजन के रूप में चिन्हित किया गया।
इस बजट का सबसे बड़ा आकर्षण वेतनभोगी करदाताओं के लिए कर मुक्त आय की सीमा को 12 लाख रुपए तक बढ़ाना है। यह निर्णय मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को राहत देने वाला है, जिससे उनके पास खर्चे और निवेश के लिए अधिक पैसे बचेंगे। इस कदम से न केवल घरेलू खर्चों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि निवेश और बचत की दिशा में भी सुधार होगा। हालांकि, सरकार के खजाने पर इसका असर 1 लाख करोड़ रुपए का पड़ेगा, जो एक बड़ी वित्तीय चुनौती हो सकती है, लेकिन इसके दूरगामी सकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिलेंगे।
नए कर स्लैब में बदलाव को विशेष रूप से मध्यम और उच्च आय वर्ग के लिए लाभकारी माना जा रहा है। 12 लाख रुपए तक की आय पर टैक्स छूट, 12 से 16 लाख रुपए तक की आय पर 15%, 16 से 20 लाख रुपए तक 20% और 24 लाख रुपए से ऊपर की आय पर 30% टैक्स का प्रावधान किया गया है। यह कर सुधार निश्चित रूप से करदाताओं के बीच प्रसन्नता का कारण बनेगा और आर्थिक गतिविधियों को गति देने में मदद करेगा।
इसके अलावा, इस बजट में कृषि क्षेत्र को विशेष प्राथमिकता दी गई है। प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना के तहत 100 जिलों में कृषि उत्पादकता को बढ़ाने के लिए जो कदम उठाए जाने की घोषणा की है, वह भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन जिलों में कृषि उत्पादकता कम होने के कारण 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा, बिहार में मखाना उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मखाना विकास बोर्ड की स्थापना की भी घोषणा की गई है, जो किसानों के लिए एक नई उम्मीद का स्रोत बनेगा। कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाने के लिए सरकार ने खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता के लिए राष्ट्रीय तेल मिशन को लागू करने का भी ऐलान किया है।
सरकार का ध्यान दलहन, तुअर और मसूर जैसी दालों की पैदावार बढ़ाने पर भी है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो सके। इसके अलावा, किसानों को क्रेडिट कार्ड के जरिए कर्ज की सीमा बढ़ाकर 3 लाख से 5 लाख रुपए करने की घोषणा की गई है, जिससे उनकी आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा। लघु और सूक्ष्म उद्योग (एमएसएमई) को भारतीय विकास के दूसरे इंजन के रूप में माना गया है, जो साढ़े सात करोड़ लोगों को रोजगार देता है और देश के कुल निर्यात में 45% योगदान करता है। इस क्षेत्र के लिए निवेश की सीमा 2.5 गुना बढ़ाने का निर्णय लिया गया है, जिससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे और क्षेत्र की। प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि होगी। इसके अलावा, फुटवियर और लेदर क्षेत्र के लिए फोकस प्रोडक्ट स्कीम की घोषणा की गई है, जिससे 22 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है और 11 लाख करोड़ रुपए का निर्यात होने की उम्मीद है।
वहीं, महिलाओं और अनुसूचित जातियों तथा जनजातियों के उद्यमियों के लिए विशेष योजना का ऐलान किया गया है, जिसके तहत दो करोड़ रुपए तक का टर्म लोन दिया जाएगा और ऑनलाइन प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। यह कदम भारतीय समाज में महिलाओं और अन्य कमजोर वर्गों के लिए समान अवसर प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण है और इससे उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक नया एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन स्थापित किया गया है, जिसका उद्देश्य भारतीय उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा को बढ़ाना है। साथ ही, इंडिया पोस्ट बैंक की क्षमता को ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ाया जाएगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। सीमा शुल्क अधिनियम में अस्थायी मूल्यांकन को अंतिम रूप देने के लिए दो साल की समय सीमा तय करने से व्यापारियों और उद्योगपतियों को भी राहत मिलेगी और व्यापार प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।
कुल मिलाकर, केंद्रीय बजट 2025-26 को कृषि, एमएसएमई, निर्यात, और निवेश के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए एक ठोस कदम के रूप में देखा जा सकता है। कर व्यवस्था में सुधार, कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के उपाय, और महिला एवं अल्पसंख्यक उद्यमिता को बढ़ावा देने के फैसले निश्चित रूप से भारतीय समाज में आर्थिक समानता और समृद्धि लाने की दिशा में अहम कदम हैं। हालांकि, इन सुधारों को सही तरीके से लागू करने के लिए सरकार को कठोर निगरानी और प्रभावी कार्यान्वयन की आवश्यकता होगी। यदि ये कदम सही दिशा में काम करते हैं, तो यह बजट भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।