पूर्वी सिंहभूम जिला के दश विद्यालयों को तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान के मॉडल के रुप मे किया जाएगा विकसित
*• जिला तम्बाकू नियंत्रण कोषांग एवं सीड्स के साथ मिलकर शिक्षा विभाग स्कूलों में चलाएगी अभियान*
*• पायलट बेसिस पर पूर्वी सिंहभूम जिला के दस स्कूलों में शुरू किया अभियान…प्रत्येक शिक्षण संस्थानों को बनाया जायेगा तम्बाकू मुक्त मॉडल विद्यालय*
*• झारखण्ड में तम्बाकू सेवन से हर साल लगभग 35 हजार लोगों की होती है मौत*
*• बच्चों को तम्बाकू उत्पाद बेचा तो होगा 1 लाख रूपये का जुर्माना और 7 साल का जेल*
*• शिक्षण संस्थानों के 100 गज के दायरे में तम्बाकू उत्पाद बेचने पर देना होगा जुर्माना*
*पूर्वी सिंहभूम, जमशेदपुर 24 दिसंबर:* जिले के सभी शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू मुक्त बनाने एवं ToFEI के दिशा-निर्देशों के क्रियान्वयन हेतु जिला तम्बाकू नियंत्रण कोषांग सोशियो इकोनॉमिक एण्ड एजुकेशनल डेवलॉपमेंट सोसाईटी (सीड्स) एवं स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखण्ड सरकार के संयुक्त तत्वावधान में शिक्षण संस्थानों के प्राचार्य, नोडल शिक्षक, छात्र छात्राओं हेतु आज एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
जिला शिक्षा पदाधिकारी श्रीमती निर्मला कुमारी बरेलिया ने उक्त प्रशिक्षण कार्यशाला में उपस्थित सभी पदाधिकारीयों, प्राचार्यों, शिक्षकों, छात्रों एवं मीडियाकर्मियों का स्वागत किया तथा कार्यशाला के उद्देश्य के बारे में बताया। श्रीमती निर्मला ने अपने संबोधन में कहा कि तम्बाकू सेवन की आदत जनस्वास्थ्य के लिए एक बड़ी समस्या के रुप में वैश्विक स्तर पर उभर रहा है। अतः तंबाकू सेवन के दुष्परिणाम के प्रति अवयस्क और युवा वर्ग में जागरूकता फैलाना बहुत आवश्यक है। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि हम सब की जिम्मेदारी है कि अपने आनेवाले भविष्य की चिंता करते हुए युवाओं और अवयस्कों को तम्बाकू की लत से दूर रखा जाये। उन्होंने बताया कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखण्ड सरकार के मार्गदर्शन में सोशिओ इकोनॉमिक एण्ड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसायटी (सीड्स) झारखण्ड द्वारा “तम्बाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान (ToFEI) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप क्रियान्वयन हेतु साकारात्मक प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सीड्स झारखण्ड के सहयोग से स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखण्ड सरकार द्वारा राज्य के चार जिलों यथा, राँची, बोकारो, धनबाद एवं पूर्वी सिंहभूम को चिन्हित करते हुए पायलट बेसिस पर 10-10 विद्यालयों (5 सरकारी एवं 5 निजी) को मॉडल तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान के रूप में विकसित करने का निर्णय किया है। आज पूर्वी सिंहभूम में इस कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय उनमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया और जल्द ही जिले के अन्य विद्यालयों को तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान के रूप में विकसित किया जाएगा।
सीडस के कार्यक्रम समन्वयक श्री रिम्पल झा ने तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम की आवश्यकता के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की। उन्होने बताया कि तम्बाकू का उपयोग पूरी दुनियाँ के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। लेकिन इसका कारोबार और उपयोग विकसित देशों की तुलना में विकासशील देशों में ज्यादा तेजी से बढ रहा है। तम्बाकू उत्पाद से बच्चे, अवस्क एवं युवा वर्ग के लोगों को बचाये जाने की आवश्यकता है। ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे (2019) द्वारा सम्पूर्ण विश्व में युवाओं द्वारा तम्बाकू सेवन से संबंधित जो आकडें़ संकलित किये गये हैं वह यह दर्शाता है कि भारत में 13-15 वर्ष के 8.5 प्रतिशत छात्रगण किसी न किसी प्रकार के तम्बाकू का उपयोग कर रहे हैं वहीं झारखण्ड मे यह 5.1 प्रतिशत है जो चिन्ता का विषय है। श्री झा ने बताया कि पिछले 8-9 वर्षों से झारखण्ड सरकार और सीड्स ने मिलकर राज्य एवं जिला स्तर पर तम्बाकू सेवन को नियंत्रित करने के लिए काफी प्रभावी कदम उठाये हैं। उन प्रयासों का प्रतिफल गेट्स 2 के रिपोर्ट में देखने को मिला था, जिसके मुताबिक हमारे राज्य में तम्बाकू सेवन करने वालों का प्रतिशत 50.1 % से घट कर 38.9 % पर आ गया था। लेकिन हम अभी भी राष्ट्रीय औसत (28.6%) से काफी ऊपर हैं। श्री रिम्पल झा ने कहा कि तम्बाकू सेवन से हर साल देश में लगभग 13 लाख लोगों की मौत हो रही है। तम्बाकू सेवन से खास तौर पर बच्चों, अवयस्कों एवं युवा वर्ग के लोगों को बचाये जाने की आवश्यकता है। उन्होने कहा प्रायः ऐसा देखा जाता है कि राज्य के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के आस-पास तम्बाकू उत्पाद जैसे कि सिगरेट, बीडी़ पान मसाला, जर्दा एवं खैनी इत्यादि की बिक्री की जाती है। इससे कम आयु के युवाओं एवं छात्रों में धूम्रपान एवं तम्बाकू सेवन की व्यसन को बढ़ावा मिलता है। अवयस्क और युवा वर्ग तम्बाकू पर आधारित व्यापार एवं उद्योगों के निशाने पर होते हैं, यह हमारे लिए एक गंभीर समस्या है।
सीड्स के सलाहकार श्री सोमिल रस्तोगी ने कहा कि हम सब की जिम्मेदारी है कि अपने आनेवाले भविष्य की चिंता करते हुए युवाओं और अवयस्कों को तम्बाकू की लत से दूर रखा जाये। उन्होंने बताया कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखण्ड सरकार के मार्गदर्शन में सोसिओ इकोनॉमिक एण्ड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसायटी (सीड्स) झारखण्ड द्वारा “तम्बाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान (ToFEI) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप क्रियान्वयन हेतु साकारात्मक प्रयास किये जा रहे हैं। श्री रस्तोगी ने “तम्बाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान (ToFEI) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप क्रियान्वयन किए जाने के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। साथ ही देश के अन्य राज्यों में इस बाबत किये जा रहे अच्छे कार्यों एवं गतिविधियों की जानकारी दी।
डा0 मृत्युंजय धावरिया, जिला नोडल पदाधिकारी, जिला तम्बाकू नियंत्रण कोषांग, पूर्वी सिंहभूम ने राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जिला तम्बाकू नियंत्रण कोषांग द्वारा विद्यालयों को तम्बाकू मुक्त बनाए जाने हेतु उठाए गए कदमों की जानकारी दी|
अंत में श्रीमती बिन्दु झा, समन्वयक, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे जिला शिक्षा पदाधिकारी की सहमति से कार्यक्रम के समापन की घोषणा की।
कार्यक्रम में पूर्वी सिंहभूम जिला के प्रखण्ड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, जिला तम्बाकू नियंत्रण कोषांग के सभी अधिकारी, सीड्स के अधिकारी एवं चयनित विद्यालय के प्राचार्य, नोडल शिक्षक, छात्र छात्राएं एवं मीडिया कर्मी उपस्थित हुए।