नई दिल्ली. टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने एक दिन पहले ही इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया है. वे जितने चालाक कप्तान थे, उतने ही तेज विकेट के पीछे भी थे. टीम इंडिया के हेड कोच रवि शास्त्री भी उनकी इस काबिलियत के मुरीद है. शास्त्री ने कहा कि धोनी विकेट के पीछे इतने तेज थे कि स्टंपिंग और रन आउट के मामले में उनके हाथ किसी ‘जेबकतरे’ से भी तेज चलते थे.
शास्त्री ने आगे कहा कि धोनी ने बतौर विकेटकीपर नए स्टैंडर्ड सेट किए. नेचुरल नहीं होने के बाद भी वे बहुत ज्यादा असरदार रहे. उन्होंने जो प्रभाव छोड़ा उसे देखिए. मेरे लिए उनकी स्टंपिंग और उनके रन आउट मायने रखते हैं. बल्लेबाज को यह अहसास भी नहीं हो पाता था कि धोनी ने उसकी गिल्लियां बिखेर दी हैं.
धोनी ने तीनों फॉर्मेट में 195 स्टंपिंग की है
धोनी के रिकॉर्ड इस बात के गवाह हैं कि वे विकेट के पीछे कितने तेज थे. उन्होंने टेस्ट में सबसे ज्यादा 38, वनडे में 123 और टी-20 में 34 स्टंपिंग की है. यह रिकॉर्ड जल्द टूटना मुश्किल है.
धोनी कामयाबी और नाकामी दोनों को खुद पर हावी नहीं होने देते: शास्त्री
58 साल के शास्त्री ने भारतीय क्रिकेट में धोनी के योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने टी-20 और वनडे दोनों वर्ल्ड कप जीते. आईपीएल में कई बार टीम को चैम्पियन बनाया. टेस्ट रैंकिंग में टीम को नंबर-1 तक पहुंचाया.
वे ऐसे व्यक्ति हैं, जो कामयाबी और नाकामी दोनों को हावी नहीं होने देते. जिंदगी में जो सामने घट रहा है, बस उसी को लेकर जीते हैं. खड़गपुर से लेकर टीम इंडिया के सफर में भी वे ऐसे ही रहे. रिटायरमेंट का फैसला भी उनकी जिंदगी जीने की इसी स्टाइल का उदाहरण है. वे चुपचाप चले गए. उनके जैसा दूसरा कोई नहीं हो सकता है.
धोनी ने 2019 के वर्ल्ड कप में आखिरी इंटरनेशनल मैच खेला था
धोनी ने पिछला इंटरनेशनल मैच 2019 में खेला था. तब वे वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में उतरे थे. हालांकि, तमाम कोशिशों के बाद भी वे टीम को चौथी बार वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचाने में नाकाम रहे. उस मैच में धोनी ने फिफ्टी लगाई थी. इस मैच के बाद से ही वे क्रिकेट मैदान से दूर हैं.
धोनी आईपीएल से वापसी करेंगे
धोनी 19 सितंबर से यूएई में शुरू हो रहे आईपीएल से मैदान पर वापसी करेंगे. लीग में चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी करेंगे. धोनी इस टीम को लगातार दो बार 2010 और 2011 में आईपीएल का खिताब जिता चुके हैं.