नई दिल्ली. कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ रहे देश ने लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकारों की मदद से केंद्र सरकार ने बड़ी सफलता हासिल कर ली है. केंद्र सरकार का कहना है कि उसके पास देश में 10 लाख कोरोना मरीजों का इलाज करने के लिए पयाज़्प्त बुनियादी ढांचा मौजूद है. इनमें से करीब सवा तीन लाख बेड ऐसे हैं, जहां पर गंभीर रोगियों का इलाज किया जा सकता है. बाकी हल्के लक्षणों के रोगियों के उपचार के लिए हैं.
नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पाल का कहना है कि दो महीने पहले जब देश में वायरस का प्रकोप शुरू हुआ तब देश में बीमारी के लिए एक अलग समर्पित अस्पताल नहीं था, उन्होंने कहा कि आज हमारे पास देश में ऐसे 1,093 अस्पताल हैं.
नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पाल के अनुसार जब दो महीने पूर्व देश में बीमारी बढऩी शुरू हुई थी, तब हमारे पास कोविड रोगियों के लिए अलग से एक भी अस्पताल नहीं था. आज 1093 ऐसे अस्पताल हैं जो सिर्फ कोविड रोगियों के लिए हैं. इनमें 185,306 बेड हैं, जिनमें 31250 आईसीयू बेड भी शामिल हैं. ये अस्पताल आईसीयू के साथ-साथ वेंटीलेटर की सुविधा से भी लैस हैं, यहां उन रोगियों का यहां इलाज हो सकता है, जिन्हें आईसीयू या वेंटीलेटर की जरूरत हो. इसी प्रकार 2402 कोविड हैल्थ सेंटर हैं. यहां पर उन कोविड रोगियों का इलाज हो सकता है जो अपेक्षाकृत कम गंभीर हैं तथा अधिकतम उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ सकती है. इन अस्पतालों में 138652 ऑक्सीजन बेड हैं, उपरोक्त दोनों श्रेणियों में 3.24 लाख बेड उपलब्ध हैं.
तीसरे चरण में 7013 कोविड केयर सेंटर हैं जिसनें करीब साढ़े छह लाख बेड हैं. यहां हल्के लक्षणों वाले रोगियों का इलाज कराया जाता है या ये सुविधाएं उन रोगियों के काम आ सकती है जिन्हें ज्यादा इलाज की जरूरत नहीं है, लेकिन बीमारी का फैलाव रोकने के लिए सिर्फ आइसोलेशन की जरूरत है. तीनों श्रेणियों में 9.74 लाख बिस्तरों की व्यवस्था है. सैन्य बलों की सुविधाओं को भी जोड़ दिया जाए, तो यह संख्या दस लाख से ऊपर हो जाती है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार आईसीयू, ऑक्सीजन और वेंटीलेटर पर जाने वाले मरीजों की संख्या पांच प्रतिशत से भी कम है. बाकी 95 प्रतिशत मरीजों में से सिर्फ उन्हीं को अस्पताल में सतत उपचार की जरूरत पड़ रही है जो किसी अन्य बीमारी से ग्रस्त हैं. करीब 80 प्रतिशत मरीजों को सिर्फ आइसोलेशन में रखने की जरूरत है. आने वाले दिनों में स्वस्थ होने वाले मरीजों का प्रतिशत बढ़ेगा. अभी करीब 41 प्रतिशत मरीज स्वस्थ हो चुके हैं तथा एक्टिव मरीज 59 प्रतिशत हैं. लेकिन आने वाले दिनों में एक्टिव मरीजों का प्रतिशत घटेगा.