बिहार उप ब्यूरो चन्दन शर्मा की रिपोर्ट
बेगूसराय :भाकपा माले,खेग्रामस और ऐक्टू के संयुक्त तत्वावधान में
भाकपा माले जिला कार्यालय कमलेश्वरी भवन से कार्यकर्ताओं का मार्च निकाला गया जो समाहरणालय के उत्तरी द्वार पर पहुंच सभा में परिणत हो गया।सभा को संबोधित करते हुए माले जिला सचिव दिवाकर कुमार ने कहा कि
जम्मू-कश्मीर में प्रवासी बिहारी मजदूरों की लगातार हो रही हत्या बेहद चिंता का विषय है. इसके लिए सीधे-सीधे केंद्र व बिहार की मोदी व नीतीश की सरकारें जिम्मेवार हैं.उत्तराखंड के नैनीताल में रिजाॅर्ट में काम करने वाले तीन बिहारी मजदूर भूस्खलन में दबकर मर गये जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गये। मोदी सरकार द्वारा धारा 370 को खत्म करने के बाद घाटी की स्थिति दिन प्रतिदिन और खराब हुई है. इसने पूरे राज्य में अविश्वास-असुरक्षा का माहौल कायम किया है.आतंकवादी हिंसा की घटनाएँ लगातार बढ़ रही हैं.जिससे स्थानीय नागरिक,मजदूर और जवान की हत्यायें बदस्तूर जारी है जिसे रोकने में केन्द्र की मोदी सरकार पूरी तरह फेल हो चूकी है।चुनावी फायदे के लिए साम्प्रदायिक उन्माद को बढावा दे रही है।हम मांग करते हैं कि हत्या की घटना पर तत्काल रोक लगे और शांति बहाल की जाय। इसलिए इस विषय को लेकर हमें केंद्र सरकार को निशाने पर लेना होगा.उन्होने कहा कि
राज्य से बाहर काम कर रहे बिहार के मजदूरों पर यह कोई नया हमला नहीं है. ऐसे हमले लगातार होते रहते हैं. कोविड काल में हमने प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा देखी है. जलील होने के बाद नीतीश जी ने सभी प्रवासी मजदूरों को राज्य के अंदर ही रोजगार उपलब्ध कराने का वादा किया था, लेकिन इसमें वे पूरी तरह झूठे साबित हुए हैं. प्रवासी मजदूरों की जिंदगी व रोजगार की सुरक्षा को लेकर एक राष्ट्रीय स्तर पर कानून बनाने की लम्बे समय से मांग होते रही है, लेकिन सरकार ने अब तक इस मांग को अनसुना ही किया है.खेग्रामस के जिला सचिव सह ऐक्टू जिला प्रभारी चन्द्रदेव वर्मा ने कहा कि
बिहार सरकार ने मृतक प्रवासी मजदूरों के परिजनों को 2-2 लाख रु. की राशि देने की घोषणा की है. यह बेहद अपर्याप्त है. इन हत्याओं की पूरी जिम्मेवारी केंद्र व राज्य सरकार पर जाती है.हम मांग करते हैं कि मारे गये मजदूरों के परिजनों को 20-20लाख रूपयामुआवजा दिया जाय। उनके जीवन और वेतन की सुरक्षा के लिए प्रवासी मजदूरों के हित में केन्द्रीय कानून बनाई जाय।
मार्च में नारे लगाये जा रहे थे।
प्रवासी बिहारी मजदूरों की हत्या क्यों, मोदी-नीतीश जवाब दो!
प्रवासी मजदूरों की जिंदगी व रोजगार की गारंटी करो!
मृतक मजदूरों के परिजन को 20-20 लाख रुपए का मुआवजा दो!
मृतक मजदूर के बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था करो, परिजन के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दो!
प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा की गारंटी के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कानून बनाओ!
कार्यक्रम में भाकपा माले नगर सचिव राजेश श्रीवास्तव,डेमोक्रेटिक एडवोकेट एशोसियेशन(डा)के जिला सचिव सह जसम के राज्य उपाध्यक्ष दीपक सिन्हा,किसान महासभा के जिला सचिव बैजू सिंह, वतन कुमार,इंसाफ मंच के संयोजक नूरूल इस्लाम जिम्मी,मो0अकरम,रामानुज सिंह,सुरेश पासवान,रामपुकार दास,प्रमोद राय,राजो साह शामिल थे।