विधायक सरयू राय के कार्यों से क्षेत्र की जनता निराश?चौक चौराहे पर हो रही है रघुवर सरयू की तुलना
देवानंद सिंह
15 माह पहले पूर्व जब झारखंड में चुनाव हो रहे थे तो जमशेदपुर का पूर्वी विधानसभा क्षेत्र आज का नंदीग्राम था जिस तरह नंदीग्राम में आज जो हो रहा है उसी तरह 15 माह पूर्व जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा में हो रहा था जहां राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास और भाजपा के कद्दावर नेता पूर्व मंत्री सरयू राय चुनाव लड़ रहे थे चुकी नंदीग्राम का जिक्र और फिक्र टीवी चैनलों से लेकर अखबारों की सुर्खियों में है तो मैंने सोचा 15 माह पूर्व के नंदीग्राम को भी एक बार क्यों ना जनता को याद दिलाने का काम किया जाए
आइए चलते हैं 15 माह पूर्व झारखंड राज्य के मुख्यमंत्री थे रघुवर दास और उनके कैबिनेट में मंत्री थे सरयू राय, सरयू राय का टिकट कटा और यह संदेश क्षेत्र में गया की रघुवर दास के व्यवहारों से आहत सरयू राय अब पूर्वी विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे और उन्होंने नामांकन भी किया
क्षेत्र की 72हजार जनता ने सरयू राय को सर आंखों पर बैठाया और वह विधायक बन गए
अब धीरे-धीरे पूर्वी विधानसभा क्षेत्र की जनता यह कहने लगी है कि माननीय विधायक सरयू राय
क्षेत्र की जनता के साथ किए गए वादों पर की कसौटी पर खरे नहीं उतर रहे हैं
अब वही 72हजार जनता के मन में सवाल कौंध रहा है की क्या माननीय विधायक घोषणा पत्र को खोल कर देखे भी हैं या गटर के खाते में चले गए हैं वह घोषणा पत्र
लोग चौक चौराहे पर यह बात करने लगे हैं कि माननीय विधायक सिर्फ पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास से खुन्नस निकालने के लिए ही कोई सवाल विधानसभा में या फिर जमशेदपुर की सड़कों पर उठा रहे हैं विकास पर से उनका ध्यान हट गया है वह घोषणा पत्र को देखने से परहेज कर रहे हैं
क्या विधायक की जिम्मेदारी सिर्फ विरोधियों के पीछे पड़े रहने की है या फिर क्षेत्र का विकास भी करना है!
पूर्वी विधानसभा क्षेत्र की जनता अपने आप को ठगा महसूस कर रही है लोगों का कहना है कि यह सही है कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास का व्यवहार तीखा था
परंतु विकास कार्य पर सवाल कोई नहीं कर सकता था अब विकास की बात ही हो रही है हर महीने कभी सूर्य मंदिर का मुद्दा कभी ऑफिस में मारपीट का मुद्दा कभी कोई घोटाला कभी कोई आरोप को लेकर सड़क से लेकर विधानसभा तक आवाज उठ रही है
उदाहरण के तौर पर बरसों से बंद पड़ी केबुल कंपनी के अंदर क्षेत्र के सफेदपोश के संरक्षण में करोड़ों रुपए का महंगे सामानों का चोरी लगातार जारी रहा विधायक सरयू राय भी इस मुद्दे को लेकर लाव लश्कर के साथ गोलमुरी थाने से लेकर वरीय पदाधिकारियों को शिकायत किया था परंतु अब तक उसका उद्भेदन नहीं हो पाया केबुल टाउन की समस्याएं जस की तस बनी हुई है सबसे छोटी समस्या बिजली की समस्या थी जिसे सुलझा ने में माननीय विधायक अब तक सफल नहीं रहे या फिर विधायक सरयू राय ने इस मामले को संज्ञान में ही नहीं लिया क्षेत्र की जनता आज भी कमर्शियल रेट पर बिजली का भुगतान कर रही है इस समस्या पर ना तो पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ध्यान दिया और ना ही वर्तमान विधायक सरयू राय का इस और कोई ध्यान है
बंद पड़ी केबुल कंपनी की सबसे बड़ी समस्या कंपनी खुलवाने की है केबुल कर्मचारियों की स्थिति बद से बदतर होते जा रही है इस पर किसी राजनेताओं ने अब तक दिलचस्पी नहीं दिखाई है तो क्या यह मान लिया जाए कि केबुल कंपनी के बस्ती वासी सिर्फ चुनाव के समय वोट बैंक बनते है
अगली कड़ी में हम बारीडीह बस्ती के समस्याओं की ओर करेंगे रूख