” संस्कृत एक वैज्ञानिक भाषा है, वेदों में सबकुछ है और वेद संस्कृत में है:डॉ रागिनी भूषण।
रंभा कॉलेज शैक्षणिक संस्थान में संस्कृत दिवस का आयोजन
आज रंभा कॉलेज शैक्षणिक संस्थान परिसर में विश्व संस्कृत दिवस का उत्सव मनाया गया। समारोह के मुख्य अतिथि डॉ रागिनी भूषण (पूर्व संस्कृत विभागध्याक्ष, कोल्हान विश्वविद्यालय) और डॉ तपेश्वर पांडे, (कोल्हान विश्वविद्यालय प्रतिनिधि और संस्कृत के प्रोफेसर ) थे। कार्यक्रम का आरंभ डॉ रागिनी भूषण, डॉ तपेश्वर पांडे, कॉलेज के चेयरमैन श्री राम बचन , प्राचार्या डॉ कल्याणी कबीर और सभी व्याख्याताओं के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
अध्यक्ष श्री राम बचन जी ने तुलसी पौधा, उत्तरीय, श्रीफल और प्रतीक चिन्ह देकर डॉ रागिनी भूषण का और प्राचार्या डॉ कल्याणी कबीर ने प्रोफेसर डॉ तपेश्वर पांडे का अभिनंदन किया। स्वागत भाषण देते हुए प्राचार्या डॉ कल्याणी कबीर ने कहा कि संस्कृत भाषा में भारतीय संस्कार सुरक्षित है, इसलिए युवा पीढ़ी को इसकी जानकारी होनी आवश्यक है।
कार्यक्रम की समन्वयका व्याख्याता जयश्री पंडा ने संस्कृत विषय को अपनाने पर बल देते हुए कहा कि “यह भाषा सभी भाषाओं की जननी है। युवाओं को इस विषय में अपनी रूचि जागृत करनी चाहिए।”
व्याख्याता सुमनलता जी ने संस्कृत गीत प्रस्तुत किया। छात्रा रूक्मिणी,राखी,निशी,
महिमा,सपना, पूनम ने प्रार्थना गाया। छात्रा निकिता, नम्रता,राखी हांसदा, पार्वती, लक्ष्मी,मेघा ने संस्कृत गीत पर नृत्य प्रस्तुति दी।
संस्कृत वंदना छात्रा संगीता ने गाया और संस्कृत भाषा की महत्ता पर छात्रा काकोली ने अपने विचार व्यक्त किए। छात्र सोमनाथ ने शिव तांडव स्त्रोत का मधुर स्वर में वाचन किया। संस्कृत लघु कथा छात्र गणेश, दुर्गा स्तुति छात्रा पल्लवी ने प्रस्तुत किया। छात्राओं ने गणेश वंदना पर नृत्य प्रस्तुत किया।
अतिथि डॉ तपेश्वर पांडे जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि संस्कृत सरस मधुर और समन्वयकारी भाषा है। इसमें संस्कार भी है रोजगार भी।
आदरणीया डॉ रागिनी भूषण जी ने मंगलवाचन और संस्कृत गीत का गायन प्रस्तुत किया और आशीर्वचन देते हुए कहा कि ” संस्कृत वैज्ञानिक भाषा है इसलिए संस्कृत ही विज्ञान की जननी है। भाषा जानने वाले को भी विज्ञान की जानकारी भी होनी चाहिए। वेदों का सारा ज्ञान संस्कृत में है।”
कार्यक्रम की प्रमुख विशेषता यह रही कि यह पूरी तरह से संस्कृत भाषा में ही संचालित किया गया। संचालन छात्रा रेणुका झा ने और धन्यवाद ज्ञापन व्याख्याता गंगा भोला ने किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में प्राचार्य डॉ संतोष कुमार, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ दिनेश, डॉ भूपेश, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर शिव प्रकाश पटेल ,असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ रेखा यादव,
असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ संतोष कुमार वर्मा , व्याख्याता रश्मि लुगून, व्याख्याता जयश्री पंडा, व्याख्याता सुमन लता, व्याख्याता बबीता कुमारी, व्याख्याता अमृता सुरेन ,व्याख्याता मंजू कुमारी, व्याख्याता मंजू गगराई ,व्याख्याता ऐश्वर्या कर्मकार, कमलकांत, सिद्धार्थ चटर्जी, राधे इत्यादि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।