मॉस्को -: राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए इंटरनेशनल कोर्ट से जारी गिरफ्तारी वारंट का मजाक उड़ाते हुए रूस ने इसे टॉयलेट पेपर बताया है. रूस ने पूरी दुनिया के सामने इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के फैसले को शून्य बताया है, क्योंकि मॉस्को हेग स्थित अदालत के अधिकार क्षेत्र को मान्यता नहीं देता है. रूस के शीर्ष पद के अधिकारी इस फैसले से बेहद नाराज हैं, वहीं पुतिन के आलोचकों ने इस कदम की सराहना की.
रूस के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने मीडिया से कहा कि रूस, कई अन्य देशों की तरह, इस अदालत के अधिकार क्षेत्र को मान्यता नहीं देता है. रूस आईसीसी का सदस्य भी नहीं है, इसलिए कानूनी दृष्टिकोण से, इस अदालत के फैसले शून्य हैं. रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के फ़ैसलों का रूस के लिए कोई मतलब नहीं है. विपक्षी मिखाइल खोडोरकोवस्की ने सोशल मीडिया पर कहा कि व्लादिमीर को उनकी गिरफ्तारी पर बधाई! यह सिर्फ पहला कदम है. विपक्षी राजनेता अलेक्सी नवलनी के सहयोगी व्लादिमीर मिलोव ने ट्वीट कर लिखा कि उसे जेल में बंद करो.
वहीं इंटरनेशनल कोर्ट ने पुतिन पर वॉर क्राइम जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. साथ ही रूसी राष्ट्रपति पर यूक्रेनी बच्चों को अवैध तरीके से जबरन रूस ले जाने का भी आरोप है. इसने कहा है कि ये अपराध 24 फरवरी 2022 से जब रूस ने यूक्रेन में पूरी तरह से घुसपैठ शुरू कर दी तब किए गए हैं. हालांकि मॉस्को ने घुसपैठ सहित सभी वॉर क्राइम के आरोपों को खारिज किया है. आईसीसी ने पुतिन पर बच्चों के निर्वासन में शामिल होने का आरोप लगाया है और कहा है कि उसके पास यह मानने के लिए उचित आधार हैं कि उन्होंने सीधे तौर पर इन कृत्यों को अंजाम दिया, साथ ही साथ दूसरों की इसमें मदद भी की. अदालत ने यह भी कहा कि रूसी राष्ट्रपति बच्चों को निर्वासित करने वाले अन्य लोगों को रोकने के लिए अपने अधिकारों का प्रयोग करने में विफल रहे.