बर्बाद गुलिस्तां करने को बस एक ही उल्लू काफी है
हर शाख पे उल्लू बैठें हैं अंजाम ऐ गुलिस्तां क्या होगा
पहचानिए !लिपिक नितिन कुमार को
देवानंद सिंह
जमशेदपुर झारखंड शिक्षा विभाग में व्यापक बदलाव की तैयारी में विभाग है किसी भी राज्य के रीढ़ की हड्डी शिक्षा विभाग होता है शिक्षा से ही समाज गांव प्रखंड जिला और राज्य का विकास संभव है झारखंड सरकार उसी अभियान के तहत शिक्षा विभाग में परिवर्तन लाना चाहती है परंतु विभाग में बैठे कुछ पदाधिकारी और कर्मचारियों की बदौलत विभाग की लगातार बदनामी हो रही है जमशेदपुर भी इससे अछूता नहीं है विभाग की बात जब उपायुक्त के कानों तक पहुंची तो खुद जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला शिक्षा अधीक्षक के कार्यालय का किया औचक निरीक्षण निरीक्षण करने पहुंच गई
वहां की व्यवस्था देख कर उपायुक्त नाराज दिखी शिक्षा पदाधिकारी जांच के दौरान बीमार हो गई खुद उपायुक्त ने उन्हें टीएमएच में इलाज के लिए भेजा लेकिन यह जांच का विषय है कि जब जब भी इस कार्यालय का जांच हुआ पदाधिकारी बीमार हो गए उपायुक्त विजय जाधव के निरीक्षण के बाद एक बार फिर से शिक्षा विभाग का कार्यालय अखबारों की सुर्खियों में तो है ही जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय के लिपिक नितिन कुमार भी चर्चा में आए आ गए कि आखिर कौन सा तुरुप का इक्का इनके पास है कि यह घूम फिर कर फिर से इसी कार्यालय में पदस्थापित हो जाते हैं
पहचानिए लिपिक नितिन कुमार की कड़ी को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्र संवाद की एक रिपोर्ट:-
कौन करता है उपायुक्त की परवाह?
जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में डीपटेशन पर तैनात लिपिक नितिन कुमार मामले में सरकारी सेवा नियमावली की भी जमकर अनदेखी हो रही है नियम कायदे से परे इस विभाग पर जब उपायुक्त की नजर पड़ी तो हड़कंप मचा इससे पूर्व भी कई उपायुक्त की नजर इस कार्यालय और इस लिपिक पर गई थी परंतु एन केन प्रकारेण इस पर पर्दा डाला गया था अब इस समय शिक्षकों के ट्रांसफर पोस्टिंग का भी चर्चा है और इन चर्चाओं में लिपिक नितिन कुमार सबसे ज्यादा चर्चित है
पहचानिए लिपिक नितिन कुमार को
जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में एक अदना सा कर्मचारी है नितिन कुमार जो लिपिक के पद पर कार्यरत है और अपने हरकतों से आए दिन विभाग में चर्चा में रहता है।विभाग में इसकी बहाली डुमरिया स्कूल में एक साधारण लिपिक के पद पर हुआ था।लेकिन अपने संपर्क के बल पर जल्द ही इसने अपना स्थानांतरण जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में करवा लिया।कार्यालय में इसके संदिग्ध गतिविधियों से परेशान होकर DEO ने 2013 में इसको R P पटेल स्कूल, जुगसलाई में प्रतिनियुक्ति पर भी दिया।लेकिन पुनः जल्द ही अपने संपर्क का इस्तेमाल कर नितिन कुमार एक बार फिर से डी ई ओ कार्यालय में वापस आ गया और अपना पुराना हेरा फेरी का धंधा शुरू कर दिया जिसके परिणाम स्वरूप यह फिर से डीईओ के लिए सरदर्द बन गया।परेशान होकर पुनः एक बार फिर 2019 में इसे पटमदा स्कूल में प्रतिनियुक्ति पर भेज दिया गया।लेकिन फिर वही
यह अपने पुराने जगह पर पैरवी की बदौलत तैनात हो गया है
नितिन कुमार की कड़ी में अभी बहुत कुछ बाकी है कई चौंकाने वाले तथ्य भी राष्ट्र संवाद पाठकों के बीच रखेगा
कई मामले की इन पर चल रही है जांच परंतु यह है बेफिक्र——-
डीओ शिवेंद्र कुमार और एक अन्य पदाधिकारी ने कैसे किया था इनका तबादला और फिर कैसे इनकी हुई वापसी——
किस मामले की जांच करवा रहे हैं आरडीडी ऐसे कई सवालों का जवाब ——–
क्रमश: