भारत के लिए नई उम्मीदों का साल होगा 2025
देवानंद सिंह
नववर्ष 2025 का आगमन हो चुका है। नया साल जब भी आता है, एक नई उमंग और उत्साह लेकर आता है। किसी के व्यक्तिगत जीवन में भी और किसी देश के लिए भी। जब भारत ने विकसित भारत @2047 का संकल्प देखा है तो उस लिहाज से भारत के लिए यह साल अत्यंत महत्वपूर्ण होने वाला है और भारत वैश्विक स्तर पर जिस तरह के बदलावों और चुनौतियों से जूझ रहा है, उस परिपेक्ष्य में भी यह साल महत्वपूर्ण होगा। इसके साथ ही यह साल विकास, प्रौद्योगिकी, सामाजिक सुधार और अंतरराष्ट्रीय राजनीति में न केवल भारत के लिए बल्कि सम्पूर्ण विश्व के लिए भी विशेष रहेगा।यह बात उल्लेखनीय है कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन चुका है और 2025 तक इसका और भी मजबूत होने का अनुमान है। भारतीय अर्थव्यवस्था 2024 में 5-6% की दर से वृद्धि कर चुकी है, और आगामी वर्ष में इस दर को और बढ़ाने की कोशिशें जारी रहेंगी। सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में सुधारात्मक कदम उठाए हैं, जैसे ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्किल इंडिया’, ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘प्रोडक्टिविटी वृद्धि’ के लिए कई योजनाएं लागू की हैं।
नववर्ष 2025 में सरकार का फोकस ‘हर घर एक रोजगार’ और ‘विकसित भारत’ पर रहेगा। इसके तहत बड़े पैमाने पर औद्योगिकीकरण, इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास, और कृषि क्षेत्र में नवाचारों की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। भारत को एक औद्योगिक सुपरपावर बनाने के लिए पब्लिक और प्राइवेट पार्टनरशिप को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और आय में वृद्धि होगी। समाज में समानता और समावेशिता का संवर्धन करने के लिए भारत में लगातार बदलाव हो रहे हैं। महिला सशक्तिकरण, बाल श्रम विरोधी कानूनों का कड़ाई से पालन और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में कई सुधारों को लागू किया गया है। आगामी नववर्ष में सरकार ने महिला अधिकारों को लेकर और अधिक ठोस योजनाएं बनाने का संकल्प लिया है। महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की दिशा में बड़ा बदलाव अपेक्षित है।
इसके साथ ही, जातिवाद और सांप्रदायिकता जैसे मुद्दों पर काबू पाने के लिए भारत सरकार ने नई पहल शुरू की हैं। ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ जैसी योजनाओं के तहत राष्ट्र को जोड़ने के प्रयास किए जाएंगे। भारत का लोकतांत्रिक तंत्र और नागरिक स्वतंत्रताएं 2025 में भी मजबूत रहेंगे, जो देश के समाजिक ताने-बाने को संरक्षित करेंगे। भारत ने पिछले कुछ दशकों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बहुत प्रगति की है। 2025 में, भारत की भूमिका वैश्विक प्रौद्योगिकी के मामले में और भी महत्वपूर्ण होने वाली है। ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ (AI), ‘बिग डेटा’, ‘ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी’ और ‘रोबोटिक्स’ जैसे क्षेत्रों में भारत ने बड़ी सफलता हासिल की है। सरकार और निजी कंपनियां मिलकर इन नवाचारों का उपयोग कर शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और उद्योगों में क्रांतिकारी बदलाव लाने की योजना बना रही हैं। इसके साथ ही, भारत में स्टार्टअप कल्चर का विकास हो रहा है, जो युवाओं को नए अवसर और स्वावलंबन प्रदान कर रहा है। 2025 तक भारत की जानी-मानी कंपनियां वैश्विक बाजार में और अधिक प्रभावी ढंग से पैर पसारने में सक्षम हो सकती हैं।
भारत के लिए 2025 एक चुनौतीपूर्ण वर्ष हो भी सकता है क्योंकि पर्यावरणीय संकट लगातार बढ़ता जा रहा है। जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और जल संकट जैसी समस्याएं सरकार और समाज दोनों के लिए चिंता का विषय बन चुकी हैं। इस लिहाज से, भारत में प्रदूषण और जलवायु संकट से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। भारत ने पेरिस समझौते के तहत पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कई प्रतिबद्धताएं जताई हैं। इसके तहत सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और जलवायु अनुकूल कृषि पद्धतियों को बढ़ावा दिया जाएगा। 2025 में भारत की भूमिका वैश्विक पर्यावरण संरक्षण में एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में स्थापित हो सकती है।
भारत की वैश्विक राजनीति में स्थिति 2025 में और मजबूत हो सकती है। भारत ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी कूटनीतिक गतिविधियों को और तेज किया है और वैश्विक मंचों पर अपनी आवाज बुलंद की है। संयुक्त राष्ट्र, जी-20, ब्रिक्स, और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रियता लगातार बढ़ी है। भारत ने अपने पड़ोसी देशों से रिश्तों को सुधारने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के साथ रिश्तों में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा। भारत-चीन सीमा विवाद, भारत-पाकिस्तान संबंध और अफगानिस्तान की स्थिति जैसे मुद्दों पर भारत की कूटनीतिक चुनौतियां बढ़ सकती हैं। हालांकि, भारत का ध्यान अपने राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के साथ-साथ क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने पर रहेगा।
2025 में भारत को अपनी ताकत का और बेहतर उपयोग करते हुए वैश्विक नेतृत्व में अपनी भूमिका को और मजबूत करने का अवसर मिलेगा। भारत अपनी विदेश नीति में स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता को प्राथमिकता देते हुए विश्व राजनीति में एक अग्रणी भूमिका निभाने के प्रयास करेगा। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार ने कई योजनाओं की शुरुआत की है। ‘नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ (NEP) और ‘आयुष्मान भारत’ जैसी योजनाओं के जरिए भारत में शिक्षा और स्वास्थ्य की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। 2025 में भारत में शिक्षा का एक नया युग शुरू होने की उम्मीद है, जिसमें डिजिटल शिक्षा, कौशल विकास और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर विशेष जोर दिया जाएगा। स्वास्थ्य क्षेत्र में भी डिजिटल हेल्थकेयर, टेलीमेडिसिन, और प्रिवेंटिव हेल्थ केयर की ओर कदम बढ़ाए जाएंगे, ताकि सभी नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। इसके साथ ही, भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य के मामलों में और अधिक निवेश किए जाने की संभावना है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं तक हर नागरिक की पहुंच सुनिश्चित हो सके।
कुल मिलाकर, नववर्ष 2025 भारत के लिए एक अवसर और चुनौती का मिश्रण हो सकता है। जहां एक ओर भारत को विकास के नए आयामों तक पहुंचने का अवसर मिलेगा, वहीं दूसरी ओर कई सामाजिक, राजनीतिक, और पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना भी करना पड़ेगा। यह साल भारत की दृष्टि, रणनीति और प्रतिबद्धता के आधार पर न केवल अपने देश के लिए बल्कि वैश्विक समुदाय के लिए भी परिवर्तनकारी सिद्ध हो सकता है। भारतीय नागरिक, सरकार और समाज को मिलकर इस वर्ष की चुनौतियों का सामना करना होगा और भारत को एक मजबूत, समृद्ध और न्यायपूर्ण राष्ट्र बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।