बजट 2023:भारतीय अर्थव्यवस्था चमकता सितारा :निर्मला सीतारमण
किसानी के साथ एमएसएमई सेक्टर पर जोड़
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी फुल बजट है। इस साल नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और फिर अगले साल देश में आम चुनाव होंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था को सही रास्ते पर लाने और उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ रहीं भारत के लिए यह बजट मील का पत्थर साबित होगा ।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए सात प्राथमिकता को गिनाई खेती , किसानी के साथ एमएसएमई सेक्टर पर जोड़ दिया उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था सही दिशा में चल रही है और सुनहरे भविष्य की ओर अग्रसर हैं ।बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बजट पेश करने की कैबिनेट मंजूरी मिल गई है, जिसके बाद वे संसद पहुंच गई हैं। इससे पहले उन्होंने राष्ट्रपति भवन पहुंचकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की थी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बजट को औपचारिक मंजूरी दी।
बजट पेश करते समय जब वित्त मंत्री ने महिला बचत सम्मान पत्र का जिक्र किया तो स्मृति ईरानी ने जमकर ताली बजाई देश की इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए भी ऐलान किया उन्होंने बजट में नौकरी पेशा लोगों को तोहफा दिया तो युवाओं और महिलाओं को लेकर बड़ी घोषणा की ।
जानकारों की मानें तो सरकार ने नई टैक्स रिजीम पर अन्य सहूलियतों का ऐलान करते हुए अपना इरादा साफ कर दिया है कि अब टैक्स की गणना की पुरानी व्यवस्था धीरे-धीरे खत्म की जाएगी. इसका मतलब है कि अगले कुछ वर्षों में आयकर अधिनियम के विभिन्न धाराओं के तहत मिलने वाली टैक्स छूट के प्रावधानों को वापस ले लिया जा सकता है.
वित्त मंत्री ने कहा कि न्यू टैक्स रिजीम में 15.5 लाख रुपये और उससे ज्यादा के लिए 52,500 रुपये तक स्टैंडर्ड डिडक्शन दिया जाएगा.
दरअसल, अभी तक 5 लाख रुपये तक आमदनी पर कोई आयकर नहीं देना पड़ता था. लेकिन अब इस कैप को बढ़ाकर 7 लाख रुपये तक कर दिया है.
नई कर व्यवस्था के तहत अब बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट 3 लाख रुपये कर दी गई है. जो पहले ढाई लाख रुपये पर थी.
वहीं अब 6 टैक्स स्लैब की जगह अब 5 टैक्स स्लैब होंगे. न्यू टैक्स रिजीम में 15.5 लाख तक की इनकम पर 52500 रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन कर दिया गया है. जो पहले 50 हजार रुपये था.
बजट 2023-24 पेश किया गया ये नया टैक्स स्लैब है-
0 से तीन लाख पर 0 फीसदी
3 से 6 लाख पर 5 फीसदी
6 से 9 लाख पर 10 फीसदी
9 से 12 लाख पर 15 फीसदी
12 से 15 लाख पर 20 फीसदी
15 से ज्यादा लाख पर 30 फीसदी
इससे पहले साल 2020 में एक नया टैक्स स्लैब पेश किया गया था. जिसे बेहतरीन रिस्पॉन्स नहीं मिला.
2020 में पेश किया गया था ये आयकर स्लैब:
0 से 2.5 लाख तक- 0%
2.5 से 5 लाख तक- 5%
5 लाख से 7.5 लाख तक-10%
7.50 लाख से 10 लाख तक- 15%
10 लाख से 12.50 लाख तक- 20%
12.50 लाख से 15 लाख- 25%
15 लाख से ऊपर आमदनी पर- 30 फीसदी
इसके अलावा हमेशा से एक टैक्स स्लैब उपलब्ध हैं. जिसे अब तक सबसे ज्यादा लोगों ने सब्सक्राइब किया है. जिसे ओल्ड टैक्स स्लैब के नाम से जाना जाता है. इसमें ढाई लाख रुपये तक की आमदनी को कोई टैक्स नहीं देना होता है. 2.5 लाख से 5 लाख तक की आय पर 5 फीसदी टैक्स का प्रावधान है. लेकिन सरकार इस पर 12,500 की छूट देती है. सीधा गणित यह है कि पुराने टैक्स स्लैब में 5 लाख तक की आमदनी पर आपको टैक्स नहीं देना पड़ता था.
पुराना इनकम टैक्स स्लैब
2.5 लाख तक- 0%
2.5 लाख से 5 लाख तक- 5%
5 लाख से 10 लाख तक- 20%
10 लाख से ऊपर- 30%
मंगलवार को पेश इकॉनमिक सर्वे के मुताबिक अप्रैल से नंवबर के बीच डायरेक्ट टैक्स में पिछले साल के मुकाबले 26 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। साथ ही जनवरी में जीएसटी कलेक्शन 1,55,922 करोड़ रुपये रहा जो अब तक का दूसरा सबसे ज्यादा कलेक्शन है। इस फाइनेंशियल ईयर में यह तीसरा मौका है जब जीएसटी कलेक्शन 1.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। यानी सरकार का खजाना भरा हुआ है और सरकार के पास टैक्सपेयर्स को राहत देने के लिए पर्याप्त गुंजाइश है। नौ साल से टैक्स के मोर्चे पर कोई बदलाव नहीं हुआ है। यही वजह है कि टैक्सपेयर्स को इस बार राहत मिलने की उम्मीद थी।
इससे पहले अंतिम बार 2014 में पर्सनल टैक्स छूट की सीमा (personal income tax slab) में बदलाव किया गया था। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल का पहला बजट पेश करते हुए तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे दो लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये करने की घोषणा की थी। इस समय दो तरह की कर व्यवस्था हैं। सरकार ने दो साल पहले वैकल्पिक कर व्यवस्था (alternative tax regime) की घोषणा की थी। लेकिन इसे ज्यादा भाव नहीं मिला।
वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था चमकता सितारा है। उन्होंने बताया कि गरीब खाद्यान्न योजना 1 साल के लिए बढ़ाई गई है। वित्त मंत्री ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा 7 लाख की आय तक अब कोई टैक्स नहीं लगेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि पैन अब राष्ट्रीय पहचान पत्र के रूप में जाना जाएगा। बजट में घोषणा की गई कि इलेक्ट्रिक वाहन, ऑटोमोबाइल, खिलौने और देसी मोबाइल सस्ते होंगे। वहीं, चिमनी , कुछ मोबाइल फोन और कैमरे के लेंस, सिगरेट सोना, चांदी, प्लेटिनम महंगा होगा।
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि 2014 से सरकार के प्रयासों ने सभी नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाया है। प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से अधिक बढ़कर 1.97 लाख रुपये हो गई है। इन 9 वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था आकार में 10वें से 5वें स्थान पर पहुंच गई है। वित्त मंत्री ने घोषणा की कि युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि कोष बनाया जाएगा। वहीं, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मिशन मोड पर काम किया जाएगा।
अगले साल लोक सभा चुनाव होने के चलते मोदी सरकार के लिए यह बजट काफी अहम माना जा रहा है। आम चुनाव से पहले मोदी सरकार का यह आखिरी पूर्ण बजट होने के चलते लोगों और कॉरपोरेट सेक्टर को भी इससे बड़ी उम्मीदें हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार इस बार बड़े आर्थिक फैसलों के साथ-साथ आम लोगों को भी बड़ी राहत दे सकती है।