देहरादून. उत्तराखंड के पूर्व कांग्रेस प्रमुख किशोर उपाध्याय को कांग्रेस ने 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है. जिस के बाद गुरूवार को उनके बीजेपी में शामिल होने की संभावना है. इसे पहले कांग्रेस ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में किशोर उपाध्याय को सभी पदों से हटा दिया था. प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी देवेंद्र यादव ने किशोर उपाध्याय को सभी पदों से हटाने का आदेश जारी किया था. आदेश में देवेंद्र यादव ने कहा था कि उत्तराखंड के लोग बदलाव के लिए तरस रहे हैं और बीजेपी सरकार को उखाड़ फेंकने का इंतजार कर रहे हैं. कुशासन और बीजेपी नेतृत्व से लोगों में व्यापक गुस्सा है.
पत्र में कहा गया कि चुनौती का सामना करना और उत्तराखंड की देवभूमि और यहां के लोगों की सेवा करना हम में से प्रत्येक का कर्तव्य है. लेकिन दुख की बात है कि किशोर उपाध्याय इस लड़ाई को कमजोर करने और लोगों के हितों को कमजोर करने के लिए बीजेपी और अन्य राजनीतिक दलों के साथ मिलनसार हैं. वहीं किशोर उपाध्याय के करीबी सूत्रों ने बताया कि वो सभी पार्टी पदों से निलंबन रद्द करवाना चाहते थे. इस बात से उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व को भी अवगत करा दिया था.
उपाध्याय का आचरण थमने का नाम नहीं ले रहा
पत्र में कहा गया था कि किशोर उपाध्याय को व्यक्तिगत रूप से कई चेतावनियों के बावजूद भी वो पार्टी विरोधी गतिविधियां को थामने का नाम नहीं ले रहे हैं. जिसके चलते किशोर उपाध्याय को पार्टी के सभी पदों से हटाया जाता है और आगे की कार्रवाई लंबित है.
हरक सिंह रावत आए बीजेपी छोड़ कांग्रेस में
बीजेपी ने हरक सिंह रावत को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था. जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस में वापसी कर ली है. 21 जनवरी को हरक सिंह रावत और उनकी बहू कांग्रेस में शामिल हुए थे. कांग्रेस ने हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति गुसाईं रावत को लैंसडाउन से टिकट दिया है.
हरीश रावत की विधानसभा सीट बदली गई
वहीं, चुनाव से कुछ दिन पहले राज्य में घटनाओं के एक बड़े मोड़ में, कांग्रेस ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश सिंह रावत की सीट बदल दी है. हरीश रावत अब रामनगर के बजाय लालकुवा से चुनाव लड़ेंगे. दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस ने ‘एक सीट, एक परिवार’ की अपनी नीति को धता बताते हुए हरिद्वार ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत को टिकट दे दिया है.