कश्मीर में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ पीडीपी के मार्च को पुलिस ने रोका
वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के पारित होने के खिलाफ श्रीनगर में शुक्रवार को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के विरोध मार्च को पुलिस ने रोक दिया, पार्टी कार्यालय पर अवरोधक लगा दिए गए और प्रदर्शनकारियों को परिसर के अंदर ही रोक दिया।
पार्टी महासचिव खुर्शीद आलम के नेतृत्व में पीडीपी के अनेक कार्यकर्ता इस अधिनियम के पारित होने के विरोध में यहां शेर-ए-कश्मीर पार्क के समीप पार्टी मुख्यालय पर एकत्र हुए।
यह अधिनियम पिछले सप्ताह पारित हुआ था।
पीडीपी कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय से बाहर निकलकर शहर के केंद्र की ओर मार्च करने की कोशिश की लेकिन पुलिस कर्मियों के एक दल ने उन्हें कार्यालय से बाहर जाने से रोक दिया। पुलिस ने गेट पर अवरोधक लगा दिए, जिससे प्रदर्शनकारियों को वहीं रोक दिया गया।
प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं, जिनपर ‘हम वक्फ विधेयक को अस्वीकार करते हैं’ और ‘नेकां (नेशनल कॉन्फ्रेंस) की चुप्पी आपराधिक है’ जैसे संदेश लिखे हुए थे।
उन्होंने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को निरस्त करने की मांग करते हुए नारेबाजी भी की, जिसके बाद प्रदर्शनकारी शांतिपूर्वक तितर-बितर हो गए।
पत्रकारों से बात करते हुए आलम ने कहा कि वे शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करना चाहते थे लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘हम वक्फ विधेयक का विरोध करना चाहते थे। हम समझते हैं कि समाज का कोई भी वर्ग इस विधेयक को स्वीकार नहीं करता। जिस तरह से इसे आधी रात को संसद में पारित किया गया, हम उसे अस्वीकार करते हैं।’’
पीडीपी महासचिव ने कहा कि देश के मुसलमानों के प्रति भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दृष्टिकोण निंदनीय है, लेकिन इस मुद्दे पर नेकां की आपराधिक चुप्पी खेदजनक है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस अधिनियम को पारित करने में नेकां की भूमिका की निंदा करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि नेकां लोगों को मूर्ख बना रही है।