PM मोदी ने गोरखपुर वंदे भारत को हरी झंडी दिखाई, गीता प्रेस के समारोह में बोले- यह ट्रस्ट नहीं, आस्था है
गोरखपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को गोरखपुर दौरे पर पहुंचे. गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समारोह के समापन कार्यक्रम में शामिल होने के बाद गोरखपुर जंक्शन से पीएम मोदी ने वंदे भारत को हरी झंडी दिखाई. यह ट्रेन अयोध्या होते हुए लखनऊ तक चलेगी. वंदे भारत ट्रेन को रवाना करने के दौरान सीएम योगी भी साथ रहे. वंदे भारत ट्रेन की सौगात मिलने से रेल यात्रियों में काफी उत्साह देखा गया.
इसके पहले गीता प्रेस के कार्यक्रम में पीएम ने कहा, गीता प्रेस विश्व का ऐसा इकलौता प्रिंटिंग प्रेस है, जो सिर्फ संस्था नहीं, बल्कि जीवंत आस्था है. मानव मूल्यों को बचाने के लिए गीता प्रेस जैसी संस्थाएं जन्म लेती हैं. गीता प्रेस का कार्यालय करोड़ों-करोड़ लोगों के लिए किसी मंदिर से कम नहीं है.
पीएम ने कहा, इसके नाम और काम में भी गीता है. जहां गीता है वहां साक्षात् कृष्ण भी हैं. वहां करुणा है, ज्ञान का बोध भी है, हां विज्ञान का शोध भी है. यहां सब वासुदेवमय है. यहां की किताबों ने घर-घर में संस्कृति और विरासत पहुंचाई
संतों के आशीर्वाद से ऐसे संस्थान बनते हैं
पीएम मोदी ने कहा- सावन का पवित्र माह, इंद्र देव का आशीर्वाद, संतों की कर्मस्थली, ये गोरखपुर की गीता प्रेस. जब संतों का आशीर्वाद फलीभूत होता है, तब ऐसे संस्थान बनते हैं.
वंदे भारत ट्रेन चलाने के लिए नेता चि_ियां लिख रहे
पीएम ने कहा- इस बार का मेरा गोरखपुर का दौरा विकास भी-विरासत भी की नीति का अद्भुत उदाहरण है. गीता प्रेस के इस कार्यक्रम के बाद मैं गोरखपुर रेलवे स्टेशन जाऊंगा. आज से ही गोरखपुर रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण का काम भी शुरू होने जा रहा है. पीएम ने कहा- वंदे भारत ट्रेन ने देश के मध्यम वर्ग को सुविधा और सहूलियत की एक नई उड़ान दी है. आज देश के कोने-कोने से नेता मुझे चि_ियां लिखकर कहते हैं कि हमारे क्षेत्र से भी वंदे भारत ट्रेन चलाइए. ये वंदे भारत का क्रेज है.
गीता प्रेस ने समर्पित नागरिकों का निर्माण किया
उन्होंने कहा- मुझे बताया गया कि गांधी जी ने सुझाव दिया था कि कल्याण पत्रिका के लिए विज्ञापन न लिया जाए. आज भी कल्याण पत्रिका गांधी जी के सुझाव का पालन कर रही है. गीता प्रेस से करोड़ों किताब प्रकाशित हो चुकी हैं. ये किताब लागत से कम मूल्य पर बिकती हैं. घर-घर पहुंचाई जाती है. आप कल्पना करिए कितने ही लोगों को इन किताबों ने कितने समर्पित नागरिकों का निर्माण किया. मैं ऐसे लोगों को प्रणाम करता हूं.
गीता प्रेस भारत को जोड़ती है
गीता प्रेस भारत को जोड़ती है. देश भर में इसकी 20 शाखाएं हैं. देश भर के हर रेलवे स्टेशन पर गीता प्रेस का स्टॉल देखने को मिलता है. 1600 प्रकाशन होते हैं. गीता प्रेस एक भारत श्रेष्ठ भारत को, प्रतिनिधित्व देती है. गीता प्रेस ने 100 वर्ष का सफर ऐसे समय में पूरा किया है. जब देश आजादी के 75 वर्ष पूरे होने का उत्सव मना रहा है. इससे पहले पीएम ने लीला चित्र मंदिर को देखा. यहां टेसू के फूलों से बने 675 साल पुराने राम-कृष्ण के चित्र को देखा. पहली प्रिंटिंग मशीन भी देखी.
सीएम योगी बोले- आज तक कोई पीएम गीता प्रेस नहीं आया
सीएम योगी ने कहा- हम सभी ने बीते 9 वर्षों में भारत के विकास की यात्रा के साथ-साथ आस्था और विरासत को मिल रहे सम्मान व वैश्विक स्तर पर मिल रही पहचान को देखा है. ये नया भारत प्रधानमंत्री जी का अनुगामी बनकर, उनके मार्ग का अनुसरण करते हुए दुनिया की सबसे बड़ी ताकत के रूप में स्थापित करने के उनके संकल्पों के साथ कार्य कर रहा है. गीता प्रेस अपनी 100 वर्ष की शानदार यात्रा को लेकर आगे बढ़ा है, लेकिन विगत 75 वर्षों में आज तक कोई प्रधानमंत्री गीता प्रेस में नहीं आया.