नई दिल्ली. भारत में अलग-अलग सिख समूह ने दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग पर आरोप लगाया है कि पाकिस्तान उच्चायोग अक्सर उन हिंदुओं को वीजा देने से इनकार कर देता है जो सिख जत्थों के साथ पाकिस्तान की तीर्थ यात्रा के लिए अप्लाई करते हैं और यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भाई मर्दाना यादगरी कीर्तन दरबार सोसाइटी के अध्यक्ष हरपाल सिंह भुल्लर ने शुक्रवार को कहा, ‘बड़ी संख्या में हिंदू अनुयायी पड़ोसी देश में अलग-अलग सिख तीर्थस्थल में पूजा करने के लिए पाकिस्तान में वीजा के लिए आवेदन करते हैं, लेकिन दस्तावेज न होने की वजह से वो बेहद निराश हो जाते हैं.’भुल्लर ने कहा, ‘इस बार भी मैंने 16 हिंदुओं के वीजा के लिए आवेदन किया है, जो गुरु नानक देव की जयंती मनाने के लिए एक सिख जत्थे के साथ पाकिस्तान जाने की इच्छा रखते हैं, लेकिन मुझे यकीन नहीं है कि उन्हें वीजा दिया जाएगा.’ जत्थों को पाकिस्तान ले जाने वाले एक अन्य सिख समूह के नेता ने नाम न छापने की शर्त पर टीओआई को बताया, ‘जब उन्होंने दिल्ली में पाक उच्चायोग के अधिकारियों के सामने इस मुद्दे को उठाया, तो उन्होंने धमकी दी कि वो एक हिंदू आवेदक के वीजा के लिए दो सिख आवेदकों को वीजा देने से इनकार कर देंगे.’
सूत्रों ने जानकारी दी है कि आगामी गुरु नानक जयंती समारोह के लिए पाकिस्तान में कुल 3,250 लोगों ने वीजा के लिए आवेदन किया है. हालांकि, प्रोटोकॉल समझौते के मुताबिक, केवल 2,500 वीजा जारी किए जाएंगे. सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा से हिंदुओं और सिखों के बीच दरार पैदा करने का प्रयास करता रहा है क्योंकि उसने खालिस्तान आंदोलन को समर्थन दिया था, जिसका नेतृत्व मुट्ठी भर सिख आतंकवादियों द्वारा किया जाता है.
पाकिस्तान का हिंदुओं को वीजा देने से इनकार
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