भुवनेश्वर. ओडिशा के जगन्नाथ पुरी हेरिटेज कॉरिडोर का काम पूरा हो चुका है और 17 जनवरी को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इसका उद्घाटन किया. इस कार्यक्रम के लिए भारत और नेपाल के 1 हजार मंदिरों को आमंत्रण पत्र भेजा गया था. साथ ही चारों शंकराचार्यों, चारों धाम और चार अन्य छोटे धामों को भी आमंत्रित किया गया था. मंदिर प्रशासन की तरफ से नेपाल के राज परिवार को भी आमंत्रित किया गया था. मंदिर के इस प्रोजेक्ट को अब आम जनता के लिए खोल दिया गया है.
दिसंबर 2019 में शुरू हुआ था इसका काम
दिसंबर 2019 में जगन्नाथ पुरी मंदिर हेरिटेज कॉरिडोर का काम शुरू किया गया था, जो अब पूरा हो चुका है. प्रोजेक्ट के अनुसार मंदिर की बाहरी दीवार के चारों तरफ 75 मीटर चौड़ा गलियारा बनाया गया है. मंदिर के चारों तरफ 2 किलोमीटर में श्रीमंदिर परिक्रमा पथ का निर्माण हुआ है. यहां से श्रद्धालु सीधे मंदिर का दर्शन कर पाएंगे. हेरिटेज प्रोजेक्ट के तहत जो रिसेप्शन बनाया गया है, इसमें 6 हजार लोग एक साथ खड़े हो सकते हैं. यहां 4 हजार परिवारों को सामान रखने के लिए लॉकर रूम बने हैं. शेल्टर पवेलियन के अलावा मल्टीलेवल कार पार्किंग, पुलिस, फायर ब्रिगेड और इमरजेंसी सर्विस के लिए शटल बस की सुविधा भी प्रदान की जाएगी.
जगन्नाथ पुरी मंदिर हेरिटेज कॉरिडोर- टाइमलाइन
2016 में जगन्नाथ पुरी मंदिर हेरिटेज कॉरिडोर की प्लानिंग हुई
2019 में कॉरिडोर के लिए जमीन का अधिग्रहण शुरू किया गया
2021 में अधिग्रहण पूरा हुआ और प्रोजेक्ट की नींव रखी गई
2024 में 17 जनवरी को प्रोजेक्ट का काम पूरा, उद्घाटन हुआ
115 परिवारों को 512 दुकानें और 24 लॉज दिए गए
मंदिर के आसपास के 15 मठों को 36.26 करोड़ रुपए दिए गए
स्ट्रीट वेंडर्स को भी करीब 9.1 करोड़ रुपए दिए गए
12वीं सदी में बना था जगन्नाथ पुरी मंदिर
ओडिशा के जगन्नाथ पुरी मंदिर का निर्माण 12वीं सदी में किया गया था. अब 21वीं सदी में 800 करोड़ रुपए की लागत से इसका विस्तार किया गया है. अब इस मंदिर को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल कराया जाना है. उद्घाटन के लिए दो दिन पहले से ही महायज्ञ प्रारंभ किया गया था और 17 जनवरी को उद्घाटन के बाद सभी आम श्रद्धालुओं के लिए इसे खोल दिया गया है.