हजारीबाग का रामनवमी जुलूस हुआ संपन्न, झांकी के दौरान 1300 से अधिक लोग हुए घायल, दो रिम्स रेफर
*हजारीबाग:*
जिले का ऐतिहासिक रामनवमी जुलूस शांति और उत्साह के साथ संपन्न हो गया. इस बार जुलूस करीब 40 घंटे तक लगातार सड़कों पर रहा. 87 झांकी गुजरने में 40 घंटे का समय लगना खुद में यह बयां करता है कि राम भक्तों का जन सैलाब कितना होगा. अनुमान है कि 5 लाख से अधिक राम भक्तों की भीड़ हुई होगी, जिसमें महिलाओं में उत्साह अधिक देखने को मिला.
*संपन्न हुआ हजारीबाग का रामनवमी जुलूस*
जहां एक और शांतिपूर्वक रामनवमी संपन्न हुआ तो जुलूस में परंपरागत हथियार के साथ प्रदर्शन करने वाले लगभग 1300 से अधिक लोग जख्मी हुए हैं. हजारीबाग के उपायुक्त नैंसी सहाय अब तक के रामनवमी के इतिहास की पहली ऐसी उपायुक्त बनी है, जिन्होंने चार बार लगातार सफलतापूर्वक रामनवमी पर्व संपन्न करने का रिकॉर्ड कायम किया है.
7 तारीख सोमवार को जुलूस रात के 8:00 बजे आसपास के विभिन्न अखाड़ों से निकली थी, जो 9 तारीख बुधवार सुबह के 4:00 बजे के आसपास समाप्त हुई है. समाप्त होने के बाद हजारीबाग उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक ने हजारीबाग वासियों को शुभकामनाएं दी. साथ ही आभार भी जताया.
*कैसा रहा रामनवमी का माहौल*
जिला प्रशासन ने कहा कि रामनवमी में किसी भी तरह की अप्रिया घटना नहीं घटी है, इसके लिए आप सभी जनता और ड्यूटी में लगे हुए पदाधिकारी बधाई के पात्र हैं. वहीं, रामनवमी जुलूस में सेवा दे रहे पुलिस कर्मियों को तीन दिनों की छुट्टी हजारीबाग एसपी ने दी है. प्रशासनिक दृष्टिकोण से भी यह रामनवमी बेहद खास था. हजारीबाग की उपायुक्त नैंसी सहाय 100 साल के रामनवमी के इतिहास की पहली ऐसी उपायुक्त बनी है जिन्होंने चार बार लगातार रामनवमी जुलूस सफलतापूर्वक संपन्न कराने में प्रशासनिक दायित्व को पूरा की है.
उपायुक्त नैंसी सहाय ने कहा कि भगवान का असीम आशीर्वाद है, जिसके कारण ही सफलतापूर्वक पूरी टीम ने भावना के साथ रामनवमी संपन्न कराया है. उन्होंने बताया कि यह उनके लिए हर्ष का विषय है. चार बार रामनवमी सफलतापूर्वक संपन्न करने का जो जिम्मेदारी मिला उसे पूरा किया गया. उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए पूरे प्रशासनिक पदाधिकारी और यहां की जनता का भी महत्वपूर्ण योगदान है.
रामनवमी में पारंपरिक हथियारों के साथ प्रदर्शन करने वाले विभिन्न झांकियां के 1300 से अधिक लोग जख्मी हो गए, जिसमें 350 लोगों का इलाज मेडिकल कॉलेज अस्पताल में किया गया. वहीं, शहर में स्वास्थ शिविर भी लगाए गए थे. वहां लगभग 1000 लोगों का इलाज हुआ है. इनमें 35 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के मेल सर्जिकल वार्ड में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है. जबकि घटना में घायल हुए दो लोग रिम्स रेफर भी किए गए हैं.
शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में भर्ती घायलों में दीपू कुमार ठाकुर और सुनील कुमार को पेट में चोट लगी है. जिनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है. जबकि गंभीर रूप से जख्मी हुए रोहित राम, रिंकू सोनी, होरिल साव, सुनील कुमार, महेंद्र महतो, नरेश कुमार, महेश्वर सिंह, पंकज कुमार सहित 35 लोग भर्ती हैं. घायलों के इलाज को लेकर मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर में इमरजेंसी विभाग पूरी तरह से खोल दिया गया था. जहां एक साथ आठ डॉक्टर लोगों का इलाज कर रहे थे.
*जगह-जगह पर उपलब्ध थी मेडिकल की सुविधाएं*
इधर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा शहर के प्रमुख चौराहों पर 20 मेडिकल स्टॉल लगाए गए थे. इसके अलावा चार दर्जन से अधिक समाजसेवी के मेडिकल स्टॉल थे. यहां भी आंशिक चोटिल हुए 1000 से अधिक लोगों का इलाज हुआ, जो जख्मी हुए इलाज कराए और फिर अपने काफिला में शामिल हो गए. रामनवमी से निपटने के लिए शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के ब्लड बैंक में 80 यूनिट विभिन्न ग्रुप के रक्त रिजर्व रखे गए थे लेकिन अब तक किसी को ब्लड की आवश्यकता नहीं हुई.
ब्लड डोनर एसोसिएशन के अध्यक्ष निर्मल जैन ने कहा कि ब्लड बैंक में पर्याप्त रक्त हैं और लगभग सभी ग्रुप के हैं. ब्लड की कमी के कारण किसी को कोई परेशानी नहीं होगी, जिन्हें भी जरुरत होगी उन्हें ब्लड उपलब्ध कराया जाएगा. ब्लड की परेशानी नहीं हो इसको लेकर हम लगातार शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के ट्रामा सेंटर में कैंप किए हुए थे.