स्कूली शिक्षा के साथ बच्चो को वैदिक शिक्षा व संस्कार देना आवश्यक है- दुर्गेश नंदनी
●नव ज्योति विद्या मंदिर के नवोत्सव में दिखी भारतीय संस्कृति और संस्कार की झलक
राष्ट्र संवाद संवाददाता
गम्हरिया।प्रखंड के जगन्नाथपुर स्थित नव ज्योति विद्या मंदिर प्रांगण में साप्ताहिक वार्षिक उत्सव नवोत्सव समारोह का शुक्रवार को समापन हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक परंपरा के तहत पवित्र मन्त्रोचरण और दीप प्रज्जवलन कर किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप गम्हरिया की सीडीपीओ दुर्गेश नंदिनी तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रभारी अर्चना कुमारी, पूर्व मुखिया प्रभा देवी, पंचायत समिति सदस्य आरती तिवारी, पर्यावरण विभाग के अधिकारी डॉ0 मानव कुमार प्लाजा, राधेश्याम ट्रस्ट के अध्यक्ष यूएन श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे। इस मौके पर अपने सम्बोधन में मुख्य अतिथि दुर्गेश नंदिनी ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि आज के समय में जहां हर स्कूल पाश्चात्य संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं, वैसे में नव ज्योति विद्या मंदिर अपनी भारतीय संस्कृति परंपरा की अलख जगा रहा है। यह काबिले तारीफ और बहुत ही बड़ी चुनौती भरा पहल है। वैदिक शिक्षा भारतीय संस्कृति बच्चों में संस्कार का संचार करेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ ही यह विद्यालय बच्चों को संस्कार भी दे रहा है। इस मौके पर छात्राओं द्वारा मिथिला की लोक नृत्य की प्रस्तुति कर भारतीय संस्कृति और प्राचीन लुप्त होती नृत्य से सभी को मन्त्रमुग्ध कर दिया। वहीं, नन्हें बच्चों द्वारा प्रस्तुत महाभारत पर आधारित नृत्य और माता-पिता को समर्पित गीत व नृत्य ने अभिवावकों की खूब तालियां बटोरी। इसके अलावा, फिल्मी हिंदी गीतों पर भी बच्चों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में पूर्व छात्रा भूमि सिंह और शताब्दी ने स्कूल से जुड़े अपनी याद और अनुभव को बताया। कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका अनिशा श्रीवास्तव, छात्र वीर प्रताप राय और गणेश मुखी ने किया। इस मौके पर विद्यालय के सचिव डॉ0 संजीव श्रीवास्तव, प्राचार्या अनामिका श्रीवास्तव, सेवानिवृत वायुसैनिक शरदेन्दु शेखर, इप्टा के संस्थापक अध्यक्ष डॉ0 परमानन्द मोदी, सीए एके अहिवाल, झारखंड विकलांग संस्थान के महासचिव दीपक श्रीवास्तव समेत सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं, बच्चे व काफी संख्या में अभिभावक मौजूद थे।