अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ जामताड़ा इकाई ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर राज्य परियोजना निदेशक आदित्य रंजन के शिक्षको के प्रति अमर्यादित टिप्पणी की कठोर निंदा की और तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ संथाल परगना प्रमंडल के प्रमंडलीय राज्य उपाध्यक्ष बाल्मीकि कुमार ने कहा कि वायरल वीडियो में राज्य परियोजना निदेशक आदित्य रंजन ने शिक्षकों के लिए जिस प्रकार की अपमानजनक एवं शिक्षक की गरिमा के विरुद्ध असंसदीय भाषा का प्रयोग किया गया है वह घोर निंदनीय है।उनका बयान यह दर्शाता है कि राज्य की नौकरशाही शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने पर किस कदर तुली हुई है।
विदित हो कि राज्य परियोजना निदेशक आदित्य रंजन ने प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा था कि “कोई भी शिक्षक यदि विद्यालय में चप्पल पहन कर आते हैं तो हम उसी चप्पल से उसको ऐसा मारेंगे कि वह पहनने लायक नहीं रहेगा।” राज्य के शिक्षकों में परियोजना निदेशक की इस अमर्यादित टिप्पणी को लेकर उबाल है और वे मुख्यमंत्री से इन्हें शिक्षा विभाग से हटाने की मांग कर रहे हैं।
इस विषय पर बात करते हुए संघ के जिलाध्यक्ष महेश्वर घोष ने कहा कि शिक्षक समाज का सबसे प्रतिष्ठित वर्ग होता है तथा शैक्षणिक कार्य को बेहतर बनाने के लिए हंटर और गाली गलौज नहीं बल्कि सम्मान और संसाधन चाहिए। एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा इस प्रकार के अशिष्ट बयान की उम्मीद नहीं की जा सकती, हम इसकी घोर भर्त्सना करते हैं। जिला महासचिव हरि प्रसाद राम ने कहा कि निदेशक महोदय की मंशा क्या है यह तो वही जानते हैं, परंतु उनकी भाषा से ऐसा प्रतीत होता है कि वे शिक्षकों को लेकर पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं और यह मानकर चल रहे हैं कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए वे अकेले जिम्मेदार हैं। उन्होने जिला के सभी शिक्षको को चप्पल पहनकर विद्यालय में पढ़ाने का अनुरोध किया और निदेशक के अमर्यादित टिप्पणी की कठोर निंदा की।
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ जामताड़ा के जिला संगठन मंत्री द्वारिका राम ने कहा कि इस संबंध में राज्य संघ द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर अपमानजनक टिप्पणी करने वाले परियोजना निदेशक आदित्य रंजन से शिक्षा विभाग को मुक्त कर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के दूषित किए जा रहे वातावरण को स्वस्थ बनाए रखने की ओर पहल करने की अपील की गयी है। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि ऐसा नहीं होने पर पांच अगस्त के आमरण अनशन में इस मुद्दे पर भी मुख्यमंत्री के समक्ष जामताड़ा सहित राज्य के सभी जिलों के शिक्षक आंदोलन करेंगे।