सामाजिक कुरीति निवारण योजना के तहत समाज कल्याण विभाग के सौजन्य से डायन प्रथा उन्मूलन कार्यशाला सह जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन
निजाम खान। राष्ट्र संवाद
जामताड़ा : समाहरणालय जामताड़ा स्थित एसजीएसवाई प्रशिक्षण भवन सभागार में सामाजिक कुरीति निवारण योजना के तहत आज समाज कल्याण विभाग के सौजन्य से डायन प्रथा उन्मूलन कार्यशाला सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
*_शिक्षा से ही दूर होगी सामाजिक कुरीतियां – उपायुक्त_*
आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपायुक्त श्रीमती कुमुद सहाय (भा०प्र०से०) ने कहा कि सामाजिक कुरीतियां जैसे डायन प्रथा, बाल विवाह, बाल श्रम, लिंग भेद, अशिक्षा, भ्रूण हत्या इत्यादि के कारण समाज में कई दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं, इन सभी से मुक्त होने एवं कराने के लिए समाज में जागरूकता के प्रसार की आवश्यकता है, उन्होंने कहा कि शिक्षा से ही ये सब कुरीतियों को दूर किया जा सकता है।
उपायुक्त ने डायन कुप्रथा, बाल विवाह व भ्रूण हत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए लोगों को जागरूक करने का निर्देश दिया। कहा कि डायन कुप्रथा के कारण आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के साथ शोषण व दुर्व्यवहार किया जा रहा है। इसके लिए हमें लोगों को जागरूक कर इसे जड़ से खत्म करना है। जागरूकता के अभाव में गैरकानूनी होने के बावजूद बाल विवाह जैसी कुप्रथा जारी है, इसे हर हाल में रोकने हेतु अपेक्षित कार्रवाई करें।
वहीं उपायुक्त ने कहा कि महिला सशक्तिकरण, महिलाओं के शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी एवं सामाजिक विकास के लिए सरकार द्वारा कई जनकल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, जिसमें से सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना,फूलों झानो योजना सहित अन्य काफी अहम है। इन योजनाओं का लाभ लेने हेतु उन्होंने सभी को प्रेरित किया।
_*सामाजिक कुरीतियों का विरोध करें एवं प्रशासन को सूचना दें – पुलिस अधीक्षक*_
वहीं पुलिस अधीक्षक जामताड़ा श्री अनिमेष नैथानी (भा०पु०से०) ने कहा कि चाहे डायन प्रथा, बाल विवाह हो या अन्य कोई भी समाजिक कुरीतियां, प्रशासन हमेशा तत्पर है, आप लोग संबंधित थाना, चाइल्ड हेल्पलाइन या डायल 112 अथवा सीधे मुझे तत्काल सूचना दे सकते हैं, हम उस पर त्वरित कार्रवाई करेंगे। समाजिक कुरीतियां के कारण कई प्रकार के दुष्परिणाम देखने को मिलते हैं, ऐसे में इस पर कड़ी कार्रवाई की जानी जरूरी है, साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों में भी ऐसे कुरीतियों को लेकर बने कानूनों, नियमों के बारे में अवगत रहना काफी अहम है, उन्होंने अपील किया कि समाज में शांतिपूर्ण एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण में रहें, अगर कहीं ऐसी कुरीतियां देखने को मिलती है, तो स्वयं भी उसका विरोध करें एवं प्रशासन को भी इसकी सूचना दें।
वहीं इस दौरान कार्यशाला में सामाजिक कुरीतियों जैसे डायन प्रथा एवं इसके रोकथाम हेतु डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम 2001 के संबंध में विस्तार से जानकारी देने के क्रम में उन्हें जागरूक किया गया ।
_*क्या है डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम 2001*_
डायन की पहचान यदि कोई भी व्यक्ति जो किसी अन्य व्यक्ति को ‘डायन’ के रूप में पहचान करता हो और उस पहचान के प्रति अपने किसी भी कार्य, शब्द या रीति से कोई कारवाई करे, तो इसके लिए उसे अधिकतम् तीन महीने तक कारावास की सजा अथवा एक हजार रुपये जुर्माने की सजा अथवा दोनों से दंडित किया जायेगा।
प्रताड़ित करने का हर्जाना-यदि कोई भी व्यक्ति जो किसी औरत को डायन के रूप में पहचान कर उसे शारीरिक या मानसिक यातना जानबूझ कर या अन्यथा प्रताड़ित करता है, तो उसे छः माह की अवधि के लिए कारावास या सजा अथवा दो हजार रूपये तक जुर्माने अथवा दोनों सजा से दंडित किया जायेगा।
डायन की पहचान में दुष्प्रेरण – ऐसे किसी भी व्यक्ति को जो किसी औरत को ‘डायन’ के रूप में पहचान करने के लिए साशय या अनवधानता से अन्य व्यक्ति को या समाज के लोगों को उकसाता हो, षडयंत्र रचता हो या उन्हें सहायता देता हो, जिससे उस औरत को हानि पहुँचे, तो तीन महीने तक का कारावास अथवा एक हजार रूपये के जुर्माने अथवा दोनों सजा से दंडित किया जायेगा ।
डायन का उपचार- किसी भी डायन के रूप में पहचान की गई औरत को जो भी शारीरिक या मानसिक हानि या यातना पहुँचाकर अथवा प्रताड़ित कर ‘झाड़फुंक’ या फिर ‘टोटका’ द्वारा उपचार के लिए कोई कार्य करता है, तो उसे एक साल की कारावास का सजा अथवा दो हजार रूपये तक के जुर्माने अथवा दोनों सजा से दंडित किया जायेगा। विचारण की प्रक्रिया-इस अधिनियम के सभी अपराध संज्ञेय एवं गैर जमानती होंगे।
_*जागरूकता वाहन करेगा लोगों को जागरूक*_
आयोजित कार्यक्रम के दौरान जिलेवासियों के बीच सामाजिक कुरीतियों के दुष्परिणाम को लेकर जागरूकता के प्रसार एवं सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के प्रचार प्रसार के उद्देश्य से 01 जागरूकता वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
_*इस अवसर पर*_ जिला परिषद अध्यक्षा श्रीमती राधा रानी सोरेन, उप विकास आयुक्त श्री निरंजन कुमार, परियोजना निदेशक आईटीडीए श्री जुगनू मिंज, जिला पंचायत राज पदाधिकारी श्री पंकज कुमार रवि, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्रीमती रश्मि सिन्हा, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती कलानाथ, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के अलावा संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अन्य संबंधित उपस्थित थे।