झारखंड में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट शीघ्र लागू कराई जाय:राजेश शुक्ल
झारखंड स्टेट बार कौंसिल के वाईस चेयरमैन और राज्य के सुप्रसिद्ध वरिष्ठ अधिवक्ता श्री राजेश कुमार शुक्ल ने झारखंड के राज्यपाल श्री सी पी राधाकृष्णन और राज्य के मुख्यमंत्री श्री चम्पाई सोरेन को ई मेल भेजकर झारखंड में बिना बिलंब के एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू कराने की मांग किया है।
श्री शुक्ल ने लिखा है कि राज्य में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग के साथ पूर्व में कौंसिल के सदस्यों ने श्री शुक्ल के नेतृत्व में झारखंड के राज्यपाल और मुख्यमंत्री से मिलकर एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की थी। राज्य सरकार के विधि विभाग ने एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट का प्रारूप भी राज्य बार कौंसिल से मांगा था जिसे कौंसिल ने उन्हें पूर्व में ही सौप दिया लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक कोई निर्णय नही लिया है। जिससे अधिवक्ताओं में असंतोष है।
श्री शुक्ल ने पिछले दिनों राज्य के नए मुख्यमंत्री श्री चम्पाई सोरेन से रांची में भेंट की थी तथा उनसे एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू कराने और राज्य सरकार के बजट में अधिवक्ता कल्याण के लिए निधि आवंटन कराने की मांग की थी। श्री सोरेन ने इस पर विचार जल्द करने का आश्वासन भी दिया।
श्री शुक्ल ने राज्यपाल श्री राधाकृष्णन और मुख्यमंत्री श्री सोरेन को लिखा है कि झारखंड में अधिवक्ताओं को भयमुक्त वातावरण में अपने दायित्व निभाने के लिए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू कराया जाना अति आवश्यक है। आए दिन अधिवक्ताओं को धमकी दी जाती है, कही गोली चलती है तो कही उन्हें दुर्घटना का शिकार होना पड़ता है।
श्री शुक्ल ने राज्य के सभी न्यायालयों में आधारभूत संरचना बढ़ाने के साथ बार एसोसिएशन के भवनों में आधारभूत संरचना बढ़ाने का आग्रह भी राज्यपाल और मुख्यमंत्री से किया है। श्री शुक्ल ने मुख्यमंत्री श्री सोरेन को लिखा है कि पूर्व मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने झारखंड के अधिवक्ताओं के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने की घोषणा मुख्यमंत्री रहते की थी जिसे मूर्त रूप नही मिला है उसे मूर्त रूप देने की जरूरत है।
श्री शुक्ल ने भारत सरकार के विधि और न्याय मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल को भी पत्र की प्रति भेजी है और उनसे भी झारखंड के अधिवक्ताओं के लिए सामुहिक बीमा योजना को अविलंब कार्यान्वित कराने की मांग की है।
श्री शुक्ल ने कहा है कि जल्द ही कौंसिल के सदस्य पुनः राज्यपाल और मुख्यमंत्री से इस संबंध में मिलेंगे और उन्हें इन मांगों को लागू जल्द कराने की मांग रखेंगे।