सोना देवी विश्वविद्यालय घाटशिला में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर पराक्रम दिवस का आयोजन
घाटशिला: सोना देवी विश्वविद्यालय घाटशिला पूर्वी सिंहभूम द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया गया। सोना देवी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रभाकर सिंह ने कार्यक्रम का उद्घाटन महान स्वतंत्रता सेनानी और अप्रीतम प्रतिभा के धनी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति पर माल्यार्पण करके किया। इसके पश्चात छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।अपने संबोधन में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रभाकर सिंह ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन से युवाओं को स्वाभिमान से जीने ,
अदम साहस, राष्ट्रभक्त देश प्रेम ,विषम परिस्थितियों में निरंतर लक्ष्य को हासिल करने जैसे आदर्श को सीखने तथा अपने व्यक्तित्व में आत्मसात करने की आवश्यकता पर बल दिया ।देश की स्वतंत्रता की लड़ाई में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का योगदान अविस्मरणीय है। आज की युवा पीढ़ी को उनकी जीवनी से सतत प्रेरणा लेने की जरूरत है तभी हम बेहतर समाज समुदाय का निर्माण कर सकते हैं ।विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर जेपी मिश्रा ने छात्र-छात्राओं को कहा की नेताजी सुभाष चंद्र बोस युवा सम्राट के रूप में जाने जाते थे
तथा वह स्वामी विवेकानंद को अपना गुरु मानते थे ।उनके बताए हुए जीवन आदर्शों का अनुकरण करते हुए उन्होंने देश की स्वतंत्रता सेवा में अपना योगदान दिया ।कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के कुल सचिव डॉक्टर सिंह गुलाब आजाद ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के व्यक्तित्व के विभिन्न गुन जैसे निडरता, स्पष्टवादिता ,देशभक्ति राष्ट्र हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देना स्वाभिमान महान देशभक्त समर्पित कार्यकर्ता आदि गुन पर उदाहरण देते हुए प्रकाश डाला तथा छात्र-छात्राओं से गुजारिश की गई कि वह नेताजी के व्यक्तित्व से प्रेरणा ग्रहण कर राष्ट्र निर्माण में अपनी अहम भूमिका का निर्माण कर नेताजी
के सपनों को साकार करें ।कार्यक्रम में विभिन्न संकायों के प्राध्यापकों द्वारा भी अपने-अपने विचारों को रखा गया। कार्यक्रम में मंच का संचालन प्रोफेसर मोनिका सिंह विभाग अध्यक्ष प्रबंध विज्ञान द्वारा तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर अर्चना सिंह भी विभाग अध्यक्ष कृषि विज्ञान द्वारा किया गया ।कार्यक्रम को सफल बनाने में छात्र-छात्राओं प्राध्यापक को संकाई सदस्यों सभी कर्मचारी एवं इतर कर्मचारियों का विशेष सहयोग रहा।