देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मिशन है कि हर घर तक साफ पानी पहुंचे। पेयजल सहित विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लोगों को पानी के लिए दिक्कतों का सामना न करना पड़े ।इसके लिए नल जल योजनाएं चल रही है। लेकिन झारखंड के जामताड़ा जिला में संवेदकों का इतना मन बढ़ गया है कि मानों उस पर कंट्रोल करने वाला कोई नहीं है । झारखंड के जामताड़ा जिला में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग का कार्य फिसड्डी कहने से इनकार नहीं किया जा सकता है। 15 वें वित्त आयोग के जलमिनार ,स्कूलों का हैंड वॉश यूनिट ,जिला परिषद तथा मुख्यमंत्री फंड से बना जल मीनार इन योजनाओं की जांच करने से न जाने कितने करोड़ों रुपए का घोटाला का पोल खुल सकता है। ऐसे में सुबे के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के मंत्री मिथिलेश ठाकुर को भी इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है ।वही जामताड़ा जिला के कुंडहित प्रखंड के भागवत झा आजाद डिग्री कॉलेज के सामने बन रहे जलमिनार में लो क्वालिटी का ईंट तथा सीमेंट का प्रयोग किया जा रहा है। ऐसे में इस तरह के कार्य को देखने पर यही लगता है कि कहीं ना कहीं आने वाले दिनों में भी यह नल जल योजना भी बेकार साबित होने से इनकार नहीं किया जा सकता है और इसके सबसे बड़े जिम्मेदार पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारी को भी कहने से इनकार नहीं किया जा सकता है।