राष्ट्र संवाद नजरिया : थाना प्रभारी भूषण कुमार का नशा व नशेडि़यों के खिलाफ अभियान चलाना ही विरोध का कारण
सीतारामडेरा थाना के प्रभारी भारत भूषण के द्वारा अवैध नशे के कारोबार खिलाफ चलाया गए अभियान के दौरान जो वाक्या सामने आया है, वह वाकई चिंताजनक है। थाना प्रभारी पर उरांव बस्ती के पास मीना कश्यप परिवार के साथ बदसलूकी का आरोप है। थाना प्रभारी पर एक किशोरी के साथ भी दुर्व्यवहार किए जाने का आरोप है, जिसके बाद मौके पर लोगों ने खूब विरोध किया और दरोगा से माफी मांगे जाने की मांग पर लोग अड़े रहे। लोगों ने विरोध में थाने का घेराव किया और जमकर पत्थरबाजी की। पुलिस को भी लाठीचार्ज करना पड़ा।
दरअसल, मुख्यमंत्री की तरफ से सख्त आदेश हैं कि राज्य में शराब व अन्य नशाखोरी के खिलाफ अभियान चलाया जाए, इसी के तहत सीतारामडेरा थाना के प्रभारी ने कश्यप परिवार के यहां भी छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान परिवार ने जमकर विरोध किया और देखते ही देखते इस विरोध में बहुत सारे लोग एकत्रित हो गए। बताया जा रहा है कि कस्बे में कश्यप सहित कई अन्य परिवार नशे का व्यापार कर रहे हैं, जो अवैध है। अगर, पुलिस जब अवैध धंधे को बंद कराने की कोशिश करती है तो उसका विरोध किया जाता है, जो निश्चिततौर पर उचित नहीं है।
वैसे तो पुलिस पर सवाल उठाए जाते हैं कि वह बदमाशों से मिली रहती है, पैसे लेकर सारे काम करती है, लेकिन जब पुलिस कोई अच्छा काम करने जा रही है, किसी अवैध कारोबार को बंद करने का प्रयास कर रही हो तो तब वही जनता उसका विरोध करने लगती है, जो किसी भी रूप में उचित नहीं है। शराब, नशाखोरी आज समाज के लिए बहुत बड़ी समस्या बन गई है। युवाओं में जिस तरह से नशाखोरी बढ़ रही है, वह वाकई बहुत ही चिंताजनक है। अगर, देश की युवा पीढ़ी नशाखोरी की तरफ ध्यान देगी तो हमारे देश और समाज का क्या होगा ? इसीलिए नशाखोरी बढ़ाने वाले अवैध धंधों को बंद किया जाना बहुत ही जरूरी है। लिहाजा, जब पुलिस ईमानदारी के साथ ऐसे धंधों को बंद करने के लिए अभियान चला रही हो तो उसमें उसे सहयोग किया जाना चाहिए, तभी समाज नशाखोरी से मुक्त हो पाएगा।
बताया जा रहा है कि जिस कस्बे में थाना प्रभारी ने दलबल के साथ छापेमारी की थी, वहां केवल मीना कश्यप परिवार ही इस धंधे में नहीं लगा हुआ है, बल्कि और भी बहुत सारे परिवार हैं, जो इस अवैध कारोबार में लिप्त हैं। शराब के साथ ही ब्राउन सुगर जैसे खतरनाक नशे के कारोबार से जुड़े हुए हैं, हालांकि कई लोगों को पुलिस जेल भेज चुकी है। कस्बे में बहादुर कश्यप, बादल, डुगरी साहु, कालीचरण, सीता, लक्ष्मी, लखन के साथ ही एक नेता का रिश्तेदार भी इस अवैध कारोबार में संलिप्त है, इन्हें भरपूर राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, जिस वजह से ये पुलिस की नाक तले भी खुलेआम अवैध नशे का कारोबार कर रहे हैं। अगर, सीतारामडेरा में आज अवैध नशे का कारोबार फलफूल रहा है तो इसके पीछे राजनीतिक संरक्षण ही सबसे अधिक जिम्मेदार है।
जब पुलिस अच्छा काम कर रही हो तो उसका विरोध नहीं होना चाहिए। जो लोग अवैध धंधा कर रहे हैं, वो लोग तो विरोध करेंगे ही, लेकिन समाज में ऐसा वर्ग भी है, जो अवैध नशे के धंधे से परेशान है, ऐसे लोगों को पुलिस के साथ खड़ा होना चाहिए, तभी पुलिस का प्रोत्साहन भी बढ़ेगा। अवैध कारोबार चलाने वालों को तो राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, लेकिन पुलिस के लिए जनता का समर्थन बहुत जरूरी है, इसीलिए अवैध नशे का कारोबार बंद होगा तो निश्चित तौर पर समाज में अमन चैन भी बना रहेगा।
बहरहाल कल रात भी जांच में बहुत कुछ सामने आ गया है परंतु पुलिस कप्तान को दिनकर कच्छप के बारे में भी छानबीन करने की आवश्यकता है कि कौन है दिनकर कच्छप के पीछे का असली चेहरा