घाटशिला महाविद्यालय में बहुभाषी कवि सम्मेलन संपन्न
सभी भाषाओं का करें सम्मान- विधायक रामदास सोरेन
घाटशिला महाविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर बहुभाषी कवि सम्मेलन महाविद्यालय के बांग्ला एवं संताली विभाग के संयुक्त तत्वधान में आयोजित किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में घाटशिला के विधायक सह कोल्हान विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्य रामदास सोरेन ने कवि सम्मेलन में भाग लेकर सभी कवियों को अंग वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया । इस मौके पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि समाज एवं राष्ट्र हित में देश के सभी भाषाओं का सम्मान करना चाहिए। कवि सम्मेलन में प्राचार्य डॉ आर के चौधरी ने अपने स्वागत भाषण के साथ अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के उपादेयता के संबंध में विस्तार से बताया। उसके बाद प्रारंभ हुआ कवि सम्मेलन।
जमशेदपुर से आए राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि श्यामल सुमन ने कवि सम्मेलन का संचालन किया। कवि सम्मेलन में ख्याति प्राप्त शायर डॉक्टर अहमद बद्र ने अपने शायर से लोगों को खूब झुमाया। उन्होंने कहा कि “मेरे साये को पहुंचाने, दरवाजे तक आई धूप। सूरज ने खिड़की वालों को, कमरों तक पहुंचाई धूप।”
इस शेर को श्रोताओं ने खूब सराहा। भोजपुरी की प्रसिद्ध गायिका डॉ वीणा भारती ने सस्वर कविता पाठ किया “अब अवध में बरसे गुलाल, चलो रे सखी देखन को”। इस गीत ने समारोह में समा बांध दिया।
पद्मश्री डॉक्टर जानम सिंह सोए ने हो भाषा में सस्वर कविता पाठ किया। साहित्य अकादमी से पुरस्कृत भुजंग टुडू ने भारत की वर्तमान परिदृश्य पर संताली में कविता पाठ कर लोगों का मन मोह लिया। हिंदी के प्रसिद्ध कवि प्रोफेसर मित्रेश्वर अग्निमित्र ने अपनी कविता पाठ करते हुए कहा कि “दूर किसी कल की खबर से, परे मुझे डूबने उतरने दो। आज के क्षण में, क्षणिक में, क्षणभंगुरता में”।
जमशेदपुर से आए डॉ लक्ष्मण प्रसाद ने अपनी कविता पाठ मगही में किया।
यूसीआईएल के मुख्य वैज्ञानिक डॉक्टर नरेंद्र सेठी ने उड़िया भाषा में पिता के पसीने पर सारगर्भित कविता का पाठ किया।
जादूगोड़ा से आए कुमार मनीष ने राजस्थानी एवं हिन्दी भाषा में सस्वर कविता पाठ किया। घाटशिला कॉलेज के प्रोफेसर विकास मुंडा ने मुंडारी भाषा में कविता पाठ किया। जमशेदपुर से आए चर्चित कवि श्यामल सुमन ने मैथिली भाषा में सस्वर कविता पाठ करते हुए कहा “कान्हा! फागुन मास सुहावन। ठंढ़, गरम समतूल एहेन जे पल-पल लागय पावन। कान्हा, फागुन मास सुहागन।”
घाटशिला की प्रख्यात कवित्री श्रीमती बेबी शाह ने बांग्ला भाषा में कविता का पाठ कर सबको मंत्रमुग्ध किया।
कवि सम्मेलन के अंत में डॉक्टर नरेश कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
बांग्ला विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर संदीप चंद्रा ने कार्यक्रम का संचालन किया । इस मौके पर मुखिया पार्वती मुर्मू, विधायक प्रतिनिधि जगदीश भगत, डॉ पी के गुप्ता, मानिक मार्डी, बसंती मार्डी के अलावे काफी संख्या में शिक्षक, कर्मचारी और छात्र छात्राएं उपस्थित थे।