नरेंद्र मोदी को खलनायक बनाने का खामियाजा भुगत रही कांग्रेस
जय प्रकाश राय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विपक्ष जितना निशाना साधता रहा है, शायद ही देश के किसी प्रधानमंत्री को इतने वार झेलने पड़े होंगे। लगातार दूसरी बार प्रचंड बहुमत से सत्ता में वापसी के बाद भी उनपर होने वाले हमले कम होने का नाम नहीं लेते। यह सब ऐसे राजनीतिक हालात में हो रहा है जब देश में तीन दशकों से अधिक समय से पूर्ण बहुमत वाली सरकार पहली बार इनके नेतृत्व में बनी है। यानि कि जनमानस में मोदी की लोकप्रियता लगातार बढ रही है लेकिन विपक्षी दलों के धारणा वैसी ही बनी हुई है। ऐसे में कांग्रेस को कुछ बड़े नेताओं के कुछ चौंकाने वाले वयान मोदी के पक्ष में आये हैं। पहले जयराम रमेश फिर मनु ंिसधवी और शशि थरूर ने कहा कि नरेंद्र मोदी को खलनायक के तौर पर पेश किया जाना सही नहीं है। ऐसा नहीं है कि उनका कोई काम सही नहीं हुआ। देश में विपक्ष की भूमिका ही समय के साथ साथ बदलती जा रही है। कोई नई सरकार शपथ लेती है तो चाहे विपक्ष में जो भी हो उसकी ओर से सकारात्मक विरोध की बात कही जाती है, लेकिन ऐसा हकीकत में होता नहीं। विपक्ष का मतलब विरोध से होने लगा है। नरेंद्र मोदी के मामले में तो सारी हदें पार कर दी गयीं। अवार्ड वापसी का जो दौर चला था,उसे कौन भूल सकता है।आज कोई अवार्ड वापस नहीं ले रहा। यानि कि उन लोगों की नजर मेंआज के हालात सही हैं। फिर शुरु हुआ था सबूत मांगने का दौर। चाहे सर्जिकल स्ट्राइक हो या फिरबालाकोट हो, लगातार सबूत मांगे जाने लगेथे विपक्ष की ओर से।अब तोउसी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का कहना है कि भारत बालाकोट से कुछ बड़ा करने की तैयारी कर रहा है। इसका मतलब है कि उन्होंने स्वीकार किया कि बालाकोट में कुछ हुआ था। लेकिन भारत में विपक्ष, खासकर कांग्रेस की ओर से लगातार सवाल उठाये जाते रहे और बालाकोट को लेकर सबूत की मांग की जाती रही। भाजपा लगातार इसे पाकिस्तान की भाषा से जोड़ती रही और चुनावों में उसे इसका पूरा फायदा भी मिला।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कई बातें विपक्ष को खटक सकती है. लेकिन कुछ ऐसे काम इनकी अगुवाई में किये गये जो सामाजिक सरोकार वाले थे और उसकी सराहना की जानी चाहिये। चाहे वह स्वच्छता का अभियान हो या फिर उज्जवला गैस योजना. या फिर सब्सिडी को छोडऩे की अपील का असर। सभी का बैंक खाता खोला जाना भी कम महत्व का नही ंहै। इन सारे अभियान मे ंजाति, धर्म, सम्प्रदाय, क्षेत्र से परे लोगों को सीधा लाभ मिला और इससे देश की एक बेहतर छवि भी बदली। नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभिायन का माखौल राहुल गांधी ने बेंगलोर के एक कालेज में छात्रों के सामने उठाने की गरज से उनसे पूछा था कि क्या आप यह नहीं मानते कि स्वच्छता अभियान पूरी तरह फ्लाप हो गया, लेकिन छात्रों ने जोरदार शब्दों में ना कहकर उनकी बातों को नकार दिया। फिर राहुल गांधी ने स्टार्टअप और मेक इन इंडिया का भी मजाक उड़ाने का प्रयास किया लेकिन सभागार में मौजूद छात्रों ने इन मुद्दों पर भी मोदी का समर्थन किया। इसके बाद राहुल गांधी को समझ जाना चाहिये था कि जनता का क्या मिजाज है। आम तौर पर किसी ऐसे बड़े नेता के बंद आडिटोरियम के कार्यक्रम में मौजूद लोग हां में हां ही मिलाते हैं, लेकिन जिस तरह के सवाल राहुलने पूछे उनका उत्तर छात्रों ने ना में दिया। नरेंद्र मोदी को एक कट्टर हिन्दू नेता के तौर पर कांग्रेस की ओर से पेश करने का प्रयास किया जाता रहा है लेकिन इसके उलट भाजपा लोगों के बीच यह धारणा बनाने में सफल रही कि कांग्रेस हिन्दू विरोधी है और उसका खामियाजा लगातार कांग्रेस को भुगतना पड़ा है। उसके बाद कांग्रेस में साफ्ट हिन्दुत्तव की वकालत होने लगी है। कांग्रेस की ऐसी बातों को भाजपा पाकिस्तान की भाषा से जोडऩे का मौका नहीं गंवाती। मगर विदेशों में नरेंद्र मोदी लगातार कूटनीतिक सफलता हासिल करते रहे हैं। पिछले पांच साल में नरेंद्र मोदी को मुस्लिम देशों में छह बड़े सम्मान मिल चुके हैं। हाल ही अबु धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जाएद अल नाह्यं ने मोदी को ‘ऑर्डर ऑफ जाएदÓ प्रदान किए उसके तुरंत बाद बहरीन से ‘द किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसांÓ अवॉर्ड दिया गया.जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाये जाने के बाद इन दोनो देशों से सबसे बड़ा नागरिक सम्मान मिलना नरेंद्र मोदी की बड़ी कूटनीतिक जीत है और इसे विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस को समझना होगा। प्रधानमंत्री मोदी को मिले इन अवॉर्ड्स में बहरीन के ‘द किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसांÓ, यूएई के ‘ऑर्डर ऑफ जाएदÓ, फिलीस्तीन के ‘ग्रांड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ फिलीस्तीनÓ, अफगानिस्तान के ‘आमीर अमनुल्लाह खान अवॉर्डÓ, सऊदी अरब के ‘किंग अब्दुल्लाजीज साश अवॉर्डÓ और मालदीव के ‘रूल ऑफ निशान इजुद्देनोनÓ शामिल है। पाकिस्तान भी लगातार धारा 370 का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर लगातार उठा रहा है लेकिन उसे वहां मुंह की खानी पड़ रही है। कहीं न कहीं नरेंद्र मोदी के कद के कारण भारत को इसका लाभ मिल रहा है। नरेंद्र मोदी के विरोध का कुछ ऐसा तरीका विपक्ष का होने लगा है जो भारत विरोध जैसा दिखने लगता हैऔर इसे भाजपा भुनाने का कोई मौका नहीं गंवाती. कांग्रेस के कुछ नेताओं ने जो कुछ महसूस किया है, उसे कांग्रेस नेतृत्व कितना समझता है, यह तो समय ही बताएगा। लेकिन कांग्रेस नेतृत्व को इसी तरह साफ्ट हिन्दुत्तव की शरण में आना पड़ा था, यह नहीं भूलना होगा।
लेखक चमकता आईना हिन्दी दैनिक जमशेदपुर के संपादक हैं जय प्रकाश राय