झारखंड सियासी हलचल के बीच यूपीए की बैठक संपन्न राज्य में सुखाड़ की स्थिति को देखते हुए बुलाई गई थी बैठक लेकिन इस दौरान विकल्पों को तलाशा गया
झारखंड में सियासी हलचल के बीच UPA के विधायकों की अहम बैठक समाप्त हो गई है। बैठक में एक सुर में सभी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अपना नेता माना है। लगभग 3 घंटे तक चली मुख्यमंत्री आवास में इस बैठक के बाद बाहर निकले विधायकों ने साफ तौर पर कहा कि CM हेमंत सोरेन उनके नेता थे और वही रहेंगे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े खनन लीज मामले की चुनाव आयोग में सुनवाई पूरी होने के बाद हो रही ये मीटिंग काफी अहम मानी जा रही थी। बाहर निकलते समय शिक्षा मंत्री ने कहा हेमंत मुखिया है और रहेंगे। वहीं विधायक लोबिन हेंब्रम ने भी कहा कि नेतृत्व पर किसी तरह का कोई संकट नहीं है।
दरअसल यह बैठक राज्य में सुखाड़ की स्थिति को देखते हुए बुलाई गई थी लेकिन इस दौरान विकल्पों को तलाश करना भी था। जेएमएम, कांग्रेस और राजद के सभी विधायकों को इसमें शामिल होने को कहा गया था।
जारी होगा विधायकों के लिए एक फोन नंबर
बैठक में मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि विधायकों की समस्या दूर करने के लिए एक नंबर जारी किया जा रहा है। जिस पर राज्य के सभी विधायक अपनी शिकायत फोन कर या फिर व्हाट्सएप के माध्यम से बता सकेंगे। उन शिकायतों का समाधान 12 घंटे के भीतर किया जा सकेगा।
बैठक के बाद कांग्रेस के विधायक दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि सरकार के भविष्य को लेकर संकट को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है। ऐसी कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि बैठक में सुखाड़ पर चर्चा हुई है और यह भी तय हुआ है कि विधायकों की समस्या का समाधान गंभीर गंभीरता से किया जाएगा। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि सोशल मीडिया पर सरकार बनाई और गिराई नहीं जाती है। ऐसे किसी तरह की अफवाह पर ध्यान देना बेमानी है।
झारखंड में सियासी हलचल के बीच UPA विधायकों की बैठक:5 के नहीं पहुंचने से बढ़ा था सस्पेंस, MLA बोले-CM हेमंत मुखिया हैं और रहेंगे
झारखंड में सियासी हलचल के बीच UPA के विधायकों की अहम बैठक समाप्त हो गई है। बैठक में एक सुर में सभी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अपना नेता माना है। लगभग 3 घंटे तक चली मुख्यमंत्री आवास में इस बैठक के बाद बाहर निकले विधायकों ने साफ तौर पर कहा कि CM हेमंत सोरेन उनके नेता थे और वही रहेंगे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े खनन लीज मामले की चुनाव आयोग में सुनवाई पूरी होने के बाद हो रही ये मीटिंग काफी अहम मानी जा रही थी। बाहर निकलते समय शिक्षा मंत्री ने कहा हेमंत मुखिया है और रहेंगे। वहीं विधायक लोबिन हेंब्रम ने भी कहा कि नेतृत्व पर किसी तरह का कोई संकट नहीं है।
संभावित सियासी संकट के बीच जेएमएम के 3 और कांग्रेस के 2 विधायकों के बगैर किसी सूचना के मीटिंग में शामिल नहीं होने से सस्पेंस बढ़ गया था। इनमें जेएमएम के चमरा लिंडा, समीर मोहंती, सरफ़राज़ अहमद और कांग्रेस से पूर्णिमा नीरज सिंह और भूषण बाड़ा है। बता दें कि पूर्णिमा नीरज सिंह मौजूदा सरकार के खिलाफ पहले से ही मुखर रही है। कैशकांड के बाद उन्होंने कांग्रेस विधायक जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह के खिलाफ भी आवाज उठाई थी। उन्होंने कहा था कि जयमंगल सिंह के खिलाफ मामला क्यों नहीं दर्ज कराया जाय