बहरागोड़ा। झामुमो विधायक, विधानसभा के सचेतक और झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता कुणाल षडंगी ने आज एक प्रेस वार्ता आयोजित करके कल हुई घटना पर अफसोस ज़ाहिर किया। उन्होंने कहा कि जब दुनिया में वार्ता से हर समस्या का हल निकलता है, तो संवैधानिक तरीक़े से शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज क्यों किया गया? अगर हालात वाकई बेक़ाबू थे, तब भी, क्या पुलिस के पास वॉटर कैनन या आंसूगैस नहीं थे? लोकतंत्र में अपनी बात को शांतिपूर्वक ढंग से रखने का अधिकार सबको होता है और प्रशासन को इस बर्बरतापूर्ण व्यवहार का कोई अधिकार नही था।

इस घटना से खासे व्यथित कुणाल ने प्रशासन को सीधे तौर पर कटघरे में खड़ा करते हुए सवाल उठाया कि जिस जगह पर महीने भर से ज्यादा समय से सिर्फ महिलाएँ प्रदर्शन कर रही हैं, वहाँ पुरुष पुलिसकर्मियों की ड्यूटी क्यों लगाई गई ? एसडीओ राँची समेत वैसे सभी पुलिस पदाधिकारियों पर जवाबदेही तय कर उन पर अविलंब कार्यवाही होनी चाहिए।

एक तरफ हमारे समाज में “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” की बात हो रही है, और दूसरी तरफ पुलिस के चंद पदाधिकारी निहत्थि महिलाओं पर लाठी चलाकर, इस अभियान को पलीता लगा रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री महोदय से एक उच्चस्तरीय जांच करवा कर इस शर्मनाक घटना के दोषी प्रशासनिक पदाधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की माँग की।

प्रेस वार्ता में उपस्थित जिला पार्षद और झामुमो केंद्रीय कमिटि के सदस्य शिवचरण हांसदा ने कहा अगर ऐसे पदाधिकारियों पर कार्यवाही नहीं होती है, तो ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति होगी और यह लोकतंत्र के लिए अच्छा संदेश नही होगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि कार्यवाही नहीं होने पर झामुमो ज़ोरदार प्रदर्शन करने पर बाध्य होगा, और जल्द ही इसके तिथि की घोषणा की जाएगी।
झामुमो केंद्रीय कमिटि के सदस्य गोपन परिहारी ने कहा कि आंगनवाड़ी की कर्मचारी हमारे अपने परिवार की सदस्य हैं, समाज का एक अभिन्न अंग हैं, इसलिए उनके प्रति पुलिस का यह सौतेला व्यवहार समझ के बाहर है। माननीय मंत्री लुईस मरांडी को जल्द से जल्द उनकी जायज़ माँगो पर पहल करना चाहिए।
