खादी बोर्ड के पूर्व सदस्य व भाजपा नेता कुलवंत सिंह बंटी ने ट्वीट कर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कहा कि झारखंड में निजी स्कूलों द्वारा ट्यूशन फीस को लेकर एक राज्य में दो नियम जी यह गलत है. पूर्वी सिंहभूम में फीस 10% बढ़ाई जाती और रांची में नहीं. अभिभावकों पर इसका बोझ बढ़ेगा. इसके साथ ही सक्षम अभिभावकों को भी चाहिए की स्कूल की ट्यूशन फीस दे. नहीं तो स्कूल बंदी के कगार पर आ जाएंगे. कुलवंत सिंह बंटी ने कहां की पहला लॉकडाउन और दूसरे लॉकडाउन दोनों में बहुत अंतर है. इस लॉकडाउन में लगभग लोग अपना रोजगार चला रहे हैं.
सक्ष्म लोगों को ट्यूशन फी आवश्य जमा करने चाहिये
जमशेदपुर में निजी स्कूलों की संख्या लगभग 62 है. जिसमें टीचर ,ऑफिस स्टाफ और स्कूल में साफ सफाई करने वाले लोगों को मिलाकर लगभग 10,000 हजार लोग काम कर रहे हैं. अगर ट्यूशन फीस अभिभावक नहीं देते हैं तो उनके परिवारों पर भी बुरा असर पड़ सकता है. इसलिए चाहिए कि जो लोग सक्षम हैं वे लोग ट्यूशन फीस दे. कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें लगता है कि वह फीस नहीं दे रहे मैं क्यों दूं ? जबकि वह देने में सक्षम हैं. आने वाले समय में हम सभी को शिक्षा के मंदिर को जीवित रखने के लिए यह पहल करने की आवश्यकता है.