केंद्रीय बजट में झारखंड और यहां के लोगों को नजरअंदाज किया गया : झामुमो
रांची: झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ( झामुमो) ने शनिवार को दावा किया कि केंद्रीय बजट 2025-26 में राज्य के लिए कुछ भी नहीं है। उसने आरोप लगाया कि केंद्रीय बजट में राज्य और इसके लोगों को ‘पूरी तरह से नजरअंदाज’ किया गया है।
इससे पहले दिन में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश किया।
झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा, ‘‘बजट में झारखंड के लिए कुछ भी प्रस्तावित नहीं किया गया है। पड़ोसी राज्य बिहार को कई परियोजनाएं दी गयी हैं, लेकिन झारखंड और उसके लोगों की पूरी तरह उपेक्षा की गयी है।’’
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते समय बिहार केंद्र में रहा और सीतारमण ने राज्य के लिए कई घोषणाएं कीं। इनमें मखाना बोर्ड की स्थापना, पश्चिमी कोसी नहर के लिए वित्तीय सहायता और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) पटना की क्षमता बढ़ाने के लिए सहायता करना शामिल है।
झामुमो नेता ने आरोप लगाया कि झारखंड के खनिज देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, लेकिन राज्य के साथ ‘‘सौतेला व्यवहार’’ किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद थी कि केंद्र सरकार राज्य को 1.36 लाख करोड़ रुपये का भुगतान करेगी। लेकिन बजट में इसका कोई उल्लेख नहीं है। हम पूछना चाहते हैं कि झारखंड के प्रति ऐसा उपेक्षापूर्ण रवैया क्यों अपनाया गया।’’
हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई ने दावा किया कि केंद्रीय बजट में समाज के सभी वर्गों, विशेषकर महिलाओं, युवाओं, छात्रों, उद्यमियों और मध्यम वर्गीय परिवारों का ध्यान रखा गया है।
झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा, ‘‘विकासोन्मुख बजट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास’ के दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है और यह 2047 तक ‘विकसित भारत’ के सपने को हासिल करने में मदद करेगा।’’