■ *राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के अवसर पर जिला उपभोक्ता फोरम जामताड़ा में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के प्रावधानों से संबंधित विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।*
■ *बेबिनार (गूगल मीट) के जरिए उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों से अवगत कराया गया*
आज दिनांक 24 दिसम्बर 2020 को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के अवसर पर जिला उपभोक्ता फोरम जामताड़ा के कोर्ट रूम परिसर में उपभोक्ता संरक्षण कानून 2019 के प्रावधानों से संबंधित विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सचिव, जिला उपभोक्ता फोरम जामताड़ा सह जिला आपूर्ति पदाधिकारी श्री प्रधान मांझी, महिला सदस्य, जिला उपभोक्ता फोरम जामताड़ा, श्रीमति शिप्रा सहित एडवोकेट श्रीमति पुष्पा दुबे, एडवोकेट श्री अशोक तिवारी, श्री प्रमोद कुमार महतो ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के प्रावधानों पर बारी बारी से प्रकाश डाला।
उपभोक्ताओं के बीच में अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए उठाए गए कदम के बारे में उपस्थित लोगों को कार्यशाला के माध्यम से तथा अन्य लोगों उपभोक्ताओं को गूगल मीट के जरिए कंजूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 के प्रावधानों से संबंधित विषय पर पैनल डिस्कशन का आयोजन कर जागरूक किया गया। कार्यक्रम में महिला सदस्य ने कहा कि प्रतिवर्ष 24 दिसम्बर को भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है। 24 दिसम्बर, 1986 को उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम, 1986 को महामहिम राष्ट्रपति ने मंज़ूरी दी थी। कहा कि उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम, 1986 भारत में उपभोक्ता के अधिकारों की सुरक्षा के लिए यह अधिनियम काफी महत्वपूर्ण था। इस अधिनियम के द्वारा ख़राब वस्तु व सेवा तथा असंगत व्यापार इत्यादि से उपभोक्ता की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकी। इस अधिनियम को पुनः संशोधन कर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 लाया गया जिसे जुलाई 2020 में लागू किया गया है। उन्होंने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 में उपभोक्ताओं की समस्याओं के निराकरण से संबंधित प्रावधान प्रक्रियाओं से अवगत कराया तथा उपभोक्ताओं के जिज्ञासाओं का समाधान किया।
सचिव सह जिला आपूर्ति पदाधिकारी श्री प्रधान मांझी ने विस्तार से बताया कि जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर उपभोक्ता अदालतें (कंज्यूमर रिड्रेसल कमीशन) हैं। नए कानून में क्षेत्राधिकार को बढ़ाया गया है. अब जिला फोरम में 1 करोड़ रुपये तक के मामलों की सुनवाई किया जा सकेगा।
कहा कि कानून में एक और बड़ा बदलाव हुआ है। अब कहीं से भी ऑनलाइन उपभोक्ता शिकायत दर्ज कर सकता है। उपभोक्ताओं के नजरिए से यह बड़ी राहत है. पहले उपभोक्ता वहीं शिकायत दर्ज कर सकता था, जहां विक्रेता अपनी सेवाएं देता है। ई-कॉमर्स से बढ़ती खरीद को देखते हुए यह बढ़िया कदम है। कारण है कि इस मामले में विक्रेता किसी भी लोकेशन से अपनी सेवाएं देते हैं. इसके अलावा कानून में उपभोक्ता को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी सुनवाई में शिरकत करने की इजाजत है। इससे उपभोक्ता का पैसा और समय दोनों बचेंगे। उन्होंने आगे कहा कि
मैन्यूफैक्चरिंग में खामी या खराब सेवाओं से अगर उपभोक्ता को नुकसान होता है तो उसे बनाने वाली कंपनी को हर्जाना देना होगा। वहीं नये एक्ट में निहित प्रावधान के अनुसार भ्रामक विज्ञापन का प्रचार प्रसार पर रोक लगाया गया है। भ्रामक प्रचार प्रसार करने पर संबंधित सेलिब्रिटी पर भी कार्रवाई होगी। इसके अतिरिक्त उन्होंने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के अन्य विशेषताओं पर प्रकाश डाला।
इसके अतिरिक्त एडवोकेट श्रीमति पुष्पा दुबे, श्री अशोक तिवारी सहित अन्य लोगों ने संबोधित किया।
इस मौके पर उपरोक्त के अलावे कार्यालय लिपिक श्री रतन पुजहर, कार्यालय सहायक श्री प्रियनाथ मिश्र, श्रीमति मीना पुजहर, श्रीमति ज्योति वंदना, श्री दिलीप कुमार, श्री अविनाश कुमार, श्री पिन्टू कुमार सहित अन्य उपस्थित रहे।