सैराती दुकानदारों का भाड़ा बढ़ाने के लिए लिया गया जिला प्रशासन का फैसला सर्वथा उचित और सराहनीय कदम:कमलेश कुमार पान्डेय
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलेश कुमार पान्डेय ने जमशेदपुर शहर की गिरती हुई विधि व्यवस्था, आए दिन हो रही आपराधिक घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि आज जमशेदपुर में जिस तरह से अपराधी बेलगाम हो गए हैं और आए दिन बेखौफ होकर घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं इससे आम आदमी भय के वातावरण में अपना जीवन बिताने पर मजबूर है और पुलिस प्रशासन पर से उसका विश्वास उठता जा रहा है।जिसके चलते झारखंड सरकार से नाउम्मीदी होना स्वभाविक है। साथ ही साथ आम जनता में झारखंड की गठबंधन सरकार से नाराजगी हो रही है क्योंकि आम आदमी शांति पसंद करता है। झारखंड सरकार की छवि को खराब होने से बचाने के लिए सरकार को सख्त कदम उठाने की अवश्यकता है। पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय करनी अति आवश्यक है,खासकर थाना प्रभारियों की क्योंकि इनके भ्रष्ट आचरण के चलते ही अपराधियों में पुलिस का डर खत्म हो गया है और वे बेलगाम हो गए हैं।
मैं वरिय पुलिस अधीक्षक महोदय से माँग करता हूँ की मनप्रीत पाल सिंह हत्या कांड में संबंधित थाना प्रभारी को अविलंब निलंबित किया जाए क्योंकि अपराधी आधे घंटे तक घटना स्थल पर हंगामा किया जिसकी सूचना भी पुलिस को दी गई लेकिन समय पर पुलिस के नहीं पहुँचने का कारण ही थाना प्रभारी को दोषी करार देता है इतने गैरजिम्मेदार थाना प्रभारी को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
सैराती दुकानदारों का भाड़ा बढ़ाने के लिए लिया गया जिला प्रशासन का फैसला सर्वथा उचित और सराहनीय कदम:कमलेश कुमार पान्डेय
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलेश कुमार पान्डेय ने कहा कि सैराती दुकानदारों का भाड़ा बढ़ाने के लिए लिया गया जिला प्रशासन का फैसला सर्वथा उचित और सराहनीय कदम है क्योंकि वर्षों पुरानी भाड़े की दर पर किराया वसूली होती थी जो नहीं के बराबर ही थी। बहुत ही गंभीरता से सोचने वाली बात है पाँच -दस रुपये भाड़े वर्षों पुराने दर पर लिए जाते हैं जो कि आज के समय कुछ भी नहीं है और दुकान का मालिक उसी दुकान को किराये पर देकर खुद हजारों रुपये उसी दुकान के किराए वसूलता है सबसे बड़ी बात तो यह है कि उन दुकानों की बिक्री दर पचास लाख से भी ऊपर है । सरकार को राजस्व का लाभ हो इसके लिए भाड़े में बढ़ोतरी करना अति आवश्यक है जो किया गया है। यह बात अलग है कि भाड़ा यदि अत्यधिक बढ़ गया है तो उसपर पुनः कमिटी बनाकर विचार करना चाहिए। लेकिन जो भी लोग भाड़ा बढ़ाने पर हाय तौबा मचाए हुए हैं वो सिर्फ अपना लाभ चाहते हैं सरकार को राजस्व के लाभ हो उससे उनको मतलब नहीं है। हमारी सोच होनी चाहिए की सरकार को भी उचित राजस्व की प्राप्ति होनी चाहिए और हमें भी उचित भाड़ा देना चाहिए तभी राज्य का समुचित विकास संभव होगा। उपायुक्त महोदया को ऐसा सराहनीय कदम उठाने के लिए धन्यवाद देते हुए अनुरोध करता हूँ कि भाड़ा बढ़ाना उचित कदम है लेकिन अत्यधिक नहीं हो इसके लिए एक कमिटी बनाकर उस पर पुनः विचार कर ही भाड़ा तय किया जाए ताकि सरकार का राजस्व भी बढ़ जाए और दुकानदारों को भी उचित भाड़ा देना पड़े।