‘प्रदर्शन’ नहीं ‘दर्शन’ पर जोर दिया : दूबे
– ईमानदार लोगों की गाथा को प्रचारित किया जाना चाहिए : संजय मिश्रा
– शिक्षकों ने किया सेवानिवृत्त बीईईओ का सम्मान
राष्ट्र संवाद संवाददाता
जमशेदपुर : प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी के पद से सेवानिवृत्त विनय कुमार दूबे ने कहा कि उन्होंने कभी प्रदर्शन नहीं किया, दर्शन को दी प्राथमिकता। हमेशा नियम पर चलते हुए जिम्मेदारी का निर्वहन किया। पहले शिक्षक के रूप में, फिर पदाधिकारी के रूप में। वे गुरुवार को तुलसी भवन के प्रयाग कक्ष में अपने सम्मान में आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस समारोह का आयोजन जिले के शिक्षकों ने किया था।
दूबे ने कहा कि बीईईओ बनने के बाद शिक्षक के रूप में एक पदाधिकारी से अपनी अपेक्षा को ध्यान में रखकर काम किया। उन्होंने कहा कि वे शिक्षक थे और रहेंगे।
वहीं इस मौके पर अतिथि के रूप में उपस्थित प्रभात खबर के स्थानीय संपादक संजय मिश्रा ने कहा कि अब तो 24 कैरेट सोने का सिक्का नहीं मिलता, वैसे में 24 कैरेट सोने जैसे खरे व्यक्तित्व का सम्मान करने चला आया। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की गाथा को प्रचारित किया जाना चाहिए, ताकि उससे प्रेरित होकर कुछ लोग भी ईमानदारी के रास्ते पर चलेंगे तो समाज का कल्याण हो जाएगा।
इससे पहले शशि भूषण कुमार, संजय कुमार, दिलीप प्रसाद, अशोक कुमार सिंह, सत्येंद्र सिंह,तारा सिन्हा ने शिक्षक, ट्रेनर और बीईईओ के रूप में विनय कुमार दूबे के साथ बिताए दिनों को याद किया। कार्यक्रम का संचालन अरविंद तिवारी ने किया और धन्यवाद ज्ञापन मुकेश कुमार ने किया। इस मौके पर बड़ी संख्या शिक्षक उपस्थित थे।